नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना गंभीर मुद्दों को सुलझाने का अच्छा मौका: ट्रूडो

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि नरेंद्र मोदी का फिर से चुना जाना कई बहुत गंभीर” और “बड़े” मुद्दों पर “बातचीत” करने का अवसर है। खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की सालगिरह से एक दिन पहले सीबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में ट्रूडो ने कहा, “अब जब वह चुनाव जीत चुके हैं, तो मुझे लगता है कि हमारे लिए बातचीत करने का अवसर है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और कनाडाई लोगों की सुरक्षा से जुड़े कुछ बहुत गंभीर मुद्दे शामिल हैं।”

हाल ही में G7 समिट के दौरान ट्रूडो और मोदी की मुलाकात हुई थी, जहाँ भारत को आउटरीच पार्टनर के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस संबंध में ट्रूडो ने कहा, “मुझे लगता है कि शिखर सम्मेलनों के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आपको नेताओं से सीधे जुड़ने का अवसर मिलता है।” उन्होंने आगे कहा, “और, निश्चित रूप से, भारत और कनाडा के लोगों के बीच बड़े स्तर पर संबंध हैं, महत्वपूर्ण आर्थिक संबंध हैं, लोकतंत्र के रूप में, कई बड़े मुद्दों पर एक जैसी राय है, जिन पर हमें वैश्विक समुदाय के रूप में काम करने की जरूरत है।” ट्रूडो के पिछले साल 18 सितंबर को हाउस ऑफ कॉमन्स में भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोपों के बाद मोदी और कनाडाई पीएम की यह पहली मुलाकात थी। इस महीने की शुरुआत में मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद कनाडाई पीएमओ ने उन्हें शुभकामनाएं दी थीं।

कनाडा में भारत के प्रति लोगों की राय हुई नकारात्मक

इस बीच एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि पिछले एक साल में कनाडा में भारत के प्रति लोगों की राय नकारात्मक हो गई है। इसकी वजह खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों को माना जा सकता है। हालांकि इस गिरती लोकप्रियता के लिए देश में बढ़ती अप्रवासियों के खिलाफ उठती भावनाओं को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

गैर-लाभकारी पोलिंग एजेंसी एंगस रीड इंस्टीट्यूट (एआरआई) के एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया कि “मार्च 2023 से कनाडा में भारत के प्रति सकारात्मक छवि में 11 अंकों की गिरावट आई है। कनाडा के एक तिहाई 33% लोग जो भारत को दोस्त मानते हैं, वे अल्पसंख्यक में आते हैं। वहीं 54% लोग भारत को अपना दोस्त नहीं मानते हैं। 2019 में भारत के लिए सकारात्मक रेटिंग 56 प्रतिशत थी। हालांकि ट्रूडो कहते हैं कि कनाडा ‘संयुक्त भारत’ का समर्थन करता है, लेकिन कनाडा में सिख अलगाववादियों की मौजूदगी भारत और कनाडा के बीच तनाव की जड़ रही है। ट्रूडो का यह आरोप कि सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार शामिल थी, ने संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया।

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