NDA और I.N.D.I.A के दलों में तकरार की नौबत, इस सीट पर फंसा पेंच

पूर्णिया जिले के रूपौली विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उप चुनाव को लेकर लिए एनडीए और महागठबंधन के दलों के बीच टकराव की नौबत आ गई है। 2020 में जदयू की बीमा भारती जीती थीं। वह अब राजद में हैं, लेकिन महागठबंधन की सहयोगी भाकपा ने भी रूपौली पर दावा कर दिया है।

पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने बुधवार को कहा- पार्टी ने रूपौली में अपना उम्मीदवार देने का निर्णय किया है। निर्णय से महागठबंधन के दलों के नेतृत्व को अवगत करा दिया है। उस सीट पर महागठबंधन के किसी अन्य दल की तुलना में हमारी दावेदारी मजबूत है।

भाकपा की दावेदारी ने बढ़ाया राजद का संकट

2020 में वहां भाकपा उम्मीदवार को करीब 42 हजार वोट आया था। 1995 में भाकपा के बाल किशोर मंडल की जीत हुई थी। पार्टी 1972 से इस सीट पर चुनाव लड़ रही है। भाकपा की दावेदारी के बाद राजद का संकट बढ़ गया है, क्योंकि राजद टिकट पर पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण ही बीमा भारती को विस की सदस्यता से त्याग पत्र देना पड़ा था।

राजद से करार भी था कि अगर वह लोकसभा चुनाव हारती हैं तो विस उप चुनाव में भी उन्हें राजद अपना उम्मीदवार बनाएगा।

एनडीए के दलों में भी हो सकती है तकरार

कुछ ऐसा ही दावा एनडीए में शामिल लोजपा (रा) का भी है। 2020 में लोजपा उम्मीदवार शंकर सिंह रूपौली में दूसरे नम्बर पर रहे थे। वह 2005 के फरवरी वाले विधानसभा चुनाव में विधायक भी बने थे।

शंकर सिंह लोजपा (रा) के अध्यक्ष चिराग पासवान से मिलने दिल्ली गए हैं। टिकट न मिलने पर उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना है। रूपौली में 14 जून से नामांकन शुरू हो रहा है।

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