नेताओं से नाराजगी पर लोकतंत्र से दिखाया प्यार, NOTA पर भी वोटरों को भरोसा

लोकसभा चुनाव 2024 उत्तराखंड परिणाम में बीजेपी की शानदान जीत हुई है। बीजेपी ने नैनीताल, अल्मोड़ा समेत पांचों सीटों पर जीत दर्ज की है। नेताओं से नाराजगी के बाद भी उत्तराखंड में 52 हजार से अधिक लोगों ने नोटा विकल्प चुनकर लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता और प्यार को दर्शाया।

लोकतंत्र का फर्ज निभाते हुए ऐसे वोटर वोट डालने मतदान केंद्र तक गए। यह आंकड़ा पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 1030 अधिक रहा। उत्तराखंड में पहले चरण में हुए लोस चुनाव में वोटिंग को लेकर पिछले चुनाव जैसा उत्साह तो नहीं दिखा, बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोगों ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए वोट किया।

इनमें 52,476 ऐसे मतदाता भी थे, जिनको प्रत्याशी के तौर पर कोई विकल्प पसंद नहीं आया। उन्होंने नोटा दबाकर लोकतंत्र में अपनी आस्था दिखाई। ऐसे सबसे ज्यादा 16697 वोट नोटा को देने वाले लोग अल्मोड़ा लोस सीट से ताल्लुक रखते हैं।

इस सीट पर 2019 में भी राज्य में नोटा को सबसे ज्यादा 15505 वोट मिले थे। गढ़वाल में भी 11224 लोगों ने नोटा को वोट देना पसंद किया, यहां पिछली बार 12,276 वोट नोटा को पड़े थे। इस बार इसमें थोड़ा कमी नजर आई है।

नैनीताल सीट पर भी 10425 लोग नोटा दबाकर आए। टिहरी सीट पर भाजपा और कांग्रेस के साथ बॉबी पंवार एक बड़े विकल्प के तौर पर लोगों के बीच में थे, बावजूद इसके यहां 7304 लोग नोटा को वोट करके आए। हरिद्वार में नोटा को वोट देने वालों की संख्या बढ़ी। यहां 6826 वोट नोटा को मिले।

नोटा को लेकर 2019 जैसा ही उत्तराखंड में ट्रेंड

उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर इस बार नोटा को लेकर 2019 के चुनाव जैसा ही ट्रेंड देखने को मिला। पिछले लोस चुनाव की तरह अल्मोड़ा सीट पर इस बार भी सबसे अधिक नोटा का बटन दबाया गया। नोटा का सबसे कम इस्तेमाल इस बार भी हरिद्वार सीट पर ही हुआ। हरिद्वार सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव में नोटा को 6281 वोट मिले थे।

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