चोरी की मोटरसाइकिल को बेचते हुए पकड़ा गया पाकिस्तानी पुलिसकर्मी

कराची के एंटी-व्हीकल लिफ्टिंग सेल (एवीएलसी) में तैनात एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को चोरी की मोटरसाइकिलें बेचते हुए पकड़ा गया है। जिसके बाद की चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं। इस घटना की जानकारी एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट में दी गई है।

ए.वी.एल.सी. कार्यालय में ए.आर.वाई. न्यूज द्वारा किया गया एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया, जिसमें डी.एस.पी. निजाबत हुसैन की अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ।

स्टिंग के दौरान यह पता चला कि डीएसपी हुसैन चोरी के बाद बरामद मोटरसाइकिलों को उनके असली मालिकों को सूचित किए बिना गुप्त तरह से बेच रहे थे।

जिसके बाद नागरिकों ने हुसैन की आपराधिक गतिविधियों में कथित संलिप्तता के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई।

एक सावधानीपूर्वक संचालित स्टिंग ऑपरेशन में, सर-ए-आम टीम (Sar-e-Aam team) डीएसपी हुसैन से दो मोटरसाइकिलें हासिल करने में सफल रही, जिसमें अवैध सौदों से संबंधित सभी बातचीत और लेन-देन रिकॉर्ड किए गए।

इकरारुल हसन ने खुलासा किया कि बजट की कमी के कारण, टीम केवल चोरी की गई मोटरसाइकिलें ही हासिल कर सकी, जिससे संकेत मिलता है कि डीएसपी हुसैन चोरी की कारों की बिक्री में भी कथित रूप से शामिल थे।

इस स्टिंग ऑपरेशन की चर्चा पूरे पुलिस विभाग में फैल गई, जिसके कारण मामले की तत्काल जांच शुरू कर दी गई।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एवीएलसी आरिफ असलम राव ने एआरवाई न्यूज से सूचना मिलने पर तुरंत हस्तक्षेप किया, डीएसपी निजाबत हुसैन को उनके पद से हटा दिया।

यह घटना न केवल कुछ कानून प्रवर्तन अधिकारियों की ईमानदारी पर संदेह पैदा करती है, बल्कि आपराधिक गतिविधियों में उनकी संलिप्तता की संभावना को भी दिखाती है।

एआरवाई न्यूज ने बताया कि मार्च की शुरुआत में एक समानांतर घटनाक्रम में, एक अन्य कानून प्रवर्तन अधिकारी, पुलिस उप महानिरीक्षक (डीएसपी) अहमद करीम जिलानी को गुटखा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। 

तत्कालीन सिंध पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) रिफत मुख्तार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जिलानी को निलंबित कर दिया और जांच का आदेश दिया, जिसमें डीआईजी मीरपुरखास तनवीर आलम ओधो को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।

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