अधिक पावर वाली देसी शराब की बढ़ी मांग, लाइसेंसी ठेकेदारों पर दबाव बना रहा विभाग 

चुनाव, लगन, होली और दिवाली में आबकारी विभाग को शराब बिक्री से खूब राजस्व मिलता है। लोकसभा चुनाव को लेकर देसी शराब की मांग में इजाफा हो रहा है। ऐसे में विभाग लाइसेंसी ठेकेदारों को अधिक तीव्रता वाली देसी शराब बेचने का दबाव बना रहा है। विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि 50 रुपये की बजाय 70 रुपये वाली देसी शराब का पाउच बिकेगा तो राजस्व की अधिक प्राप्ति होगी।

पहली अप्रैल से देसी शराब की कीमतों में बदलाव हुआ है। जिले में देसी शराब की 328 दुकानें हैं। विभाग के मुताबिक, कुल राजस्व का आधे से अधिक हिस्सा देसी शराब की बिक्री से ही आता है। पहली अप्रैल से शराब की कीमतों में बदलाव के बाद 25 डिग्री तीव्रता वाली देसी शराब 54 रुपये से घटकर 50 रुपये पहुंच गई है।

वहीं 36 डिग्री तीव्रता वाली देसी शराब पहले 68 और 70 रुपये में बिकती थी लेकिन पहली अप्रैल से 36 डिग्री वाली देसी शराब 70 रुपये में बिक रही है। लाइसेंसी ठेकेदारों का कहना है कि देसी शराब मजदूर वर्ग अधिक पीता है। ऐसे में कुल बिक्री में 90 फीसदी हिस्सेदारी 25 डिग्री तीव्रता वाले देसी शराब की होती है।

क्‍या बोले आबकारी अधिकारी 

गोरखपुर के जिला आबकारी अधिकारी एमपी सिंह ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष को लेकर अभी लक्ष्य नहीं मिला है। लेकिन पिछले साल मिले राजस्व लक्ष्य को आधार बनाकर तैयारी की जा रही है। लाइसेंसी ठेकेदारों से बैठक कर राजस्व को लेकर चर्चा हुई है। देसी में दोनों तीव्रता की शराब की बिक्री को कहा गया है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker