यूपी: अस्पताल का बिल चुकाने के लिए माता- पिता ने नवजात का किया सौदा, डॉक्टर और दंपति पर केस

गरीबी इंसान से क्या-क्या करवाती है। ऐसे ही एक गरीब परिवार का जो मामला सामने आया है उसे सुनकर सभी हैरान रह गए। यूपी के फिरोजाबाद में एक गरीब अपनी पत्नी की डिलीवरी कराने के लिए अस्पताल जा रहा था। परिवार दलालों के चंगुल में फंस गया। इसके बाद दलाल उसे न्यू लाइट अस्प्ताल ले गए। महिला की डिलीवरी के बाद जब उसे बिल दिया गया तो उसके पांव से मानो जमीन की खिसक गई हो। जो व्यक्ति एक टाइम रोटी के लिए दिन रात एक करता है उसके सामने प्राइवेट अस्पताल का भारी भरकम बिल चुकाने के पैसे कहां से आएंगे? वह इस सोच में पड़ गया। गरीब परिवार ने पैसे न होने का हवाला दिया तो दलालों ने उसके नवजात को बेचकर अस्पताल का बिल चुकाने की सलाह दे दी।

गरीब परिवार उसकी बातों में आ गया और चंद रुपयों की खातिर दंपति अपने कलेजे के टुकड़े को बेचने के राजी हो गया। गरीब के पास से बच्चा तो चला गया लेकिन उसे पैसे नहीं मिले। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस ने गलत काम करने वाले न्यू लाइट हॉस्पीटल के डॉक्टरों और नवजात को खरीदने वाले ग्वालियर के दंपति के खिलाफ थाना रामगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर एक आरोपी को गिरफ्त में लिया है।

थाना उत्तर के रानी नगर कोटला रोड मंडी समिति के पास रहने वाले धर्मेंद्र की पत्नी दामिनी ने 18 अप्रैल को बच्चे को जन्म दिया था। उसको पास के रहने वाले युवक ने बातों में फंसाकर थाना रामगढ़ में स्थित न्यू लाइफ हास्पीटल में भर्ती करा दिया। इलाज के नाम पर तीन दिन में उसका 18 हजार रुपये का बिल बनवा दिया। आरोप है कि मजदूरी करने वाला धर्मेंद्र इतने पैसे देने में नाकाम रहा तो अस्पताल के संचालक डॉक्टर डा. रामकुमार और दलालों ने बच्चे को बिकवाने की साजिश रच डाली।

बच्चे के पिता को कहा कि उसके बच्चे को निसंतान दंपति को दे दिया जाए तो बिल पूरा हो जाएगा। साथ ही उसको ढाई लाख रुपये भी मिल जाएंगे। धर्मेंद्र पर पहले से दो बच्चे थे, इसलिए वह अपनी माली हालत को लेकर डॉक्टर और दलालों की बातों में आ गया। बच्चे को बेच बैठा। बच्चा ग्वालियर के स्वर्णकार निसंतान दंपति सज्जन गर्ग पुत्र अशोक गर्ग और उसकी पत्नी रुचि गर्ग निवासी एस-1 थर्ड फ्लोर श्री साईं अपार्टमेंट श्रुति एन्कलेव द्वारिकापुरी को बेचने की तैयारी अस्पताल के डॉक्टरों ने बिचौलियों की मदद से करा दी। बच्चा ग्वालियर पहुंच गया, लेकिन बच्चे की मां दामिनी उसको वापस लाने की जिद पर अड़ गई। पिता धर्मेंद्र को बच्चे के बदले में पैसे भी नहीं मिले, जिसके बाद पूरा मामला खुल गया। मामला रामगढ़ पुलिस के पास पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने मंगलवार को ग्वालियर से बच्चे की बरामदगी करा ली। पुलिस स्वर्णकार दंपति को भी ग्वालियर से फिरोजाबाद ले आई।

बच्चे की चाहत में दंपति बना गुनहगार

ग्वालियर के परिवार को नहीं पता था कि बच्चे की चाहत उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम करेगी। बच्चा पाने के लिए दलालों से संपर्क तो हो गया, लेकिन अब थाना रामगढ़ पुलिस उनको पूछताछ के लिए ले आई है। ग्वालियर के स्वर्णकार दंपति सज्जन गर्ग और उसकी पत्नी रुचि गर्ग के कोई बच्चा नहीं हुआ था। फिरोजाबाद के दलालों से जब उनके पास बच्चा पाने के लिए फोन पहुंचा तो फूले नहीं समाया। फिलहाल मुकदमे के बाद थाना रामगढ़ पुलिस इस दंपति को भी अपने साथ लेकर आई है।

बच्चे की वापसी पर खिला मां का चेहरा

धर्मेंद्र की पत्नी दामिनी को जब पता चला था कि उसके बच्चे को ढाई लाख रुपये में बेच दिया है तो वह रोने लगी। इस बात की जानकारी रामगढ़ पुलिस को हुई। मामले की तह तक जाने पर पता चला कि अस्पताल में इलाज के दौरान ही बच्चा बेचने की पटकथा लिखी गई थी। बच्चा रातोंरात ग्वालियर बेच दिया गया था। अब डॉक्टर भी हिरासत में है और बच्चा खरीदने वाला दंपति भी। बच्चा वापस होने पर उसकी वास्तविक मां दामिनी का चेहरा खिला हुआ है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker