उत्तराखंड: बंद कमरे से 22 साल की सड़ी-गली अवस्था में लाश हुई बरामद, जांच में जुटी पुलिस

22 साल की एक युवती ने खुदकुशी कर जान दे दी। दुनिया से रूठकर रुखसत हुई इस युवती के लिए उसकी मौत के बाद भी लोग संवेदनहीन बने रहे। ट्रांजिट कैंप जैसी घनी आबादी वाले वार्ड की कृष्णा कॉलोनी में अकेली रहने वाली युवती की जब लाश पुलिस ने बंद कमरे से बरामद की तो वह सड़ी-गली अवस्था में पहुंच चुकी थी।

जब शव से खून बहकर कमरे के दरवाजे से बाहर आने लगा और बदबू फैलने लगी, तब पुलिस को घटना की सूचना मिली। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार रात करीब नौ बजे थाना ट्रांजिट कैंप के प्रभारी निरीक्षक भारत सिंह को सूचना मिली कि कृष्णा कॉलोनी में एक कमरा अंदर से बंद है।

कमरे से काफी बदबू आ रही है और कमरे के बाहर रखे पायदान तक खून बहकर पहुंच गया है। इस पर वह पुलिस कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। आवाज देने पर अंदर से कोई प्रतिक्रिया न होने पर पुलिस ने दरवाजा तोड़ा। अंदर पंखे के कुंडे के सहारे बने फंदे से युवती का शव लटका हुआ था। पुलिस के मुताबिक, शव करीब तीन से चार दिन पुराना है।

वह सड़ी-गली अवस्था में पहुंच चुका है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि युवती की शिनाख्त 22 वर्षीया प्रीति गंगवार पुत्री कालीचरण गंगवार निवासी ग्राम टांडा दयानतपुर जिला बरेली यूपी के रूप में हुई। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। हालांकि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। कमरे से एक श्रम कार्ड मिला है।

पुलिस के मुताबिक, युवती सिडकुल की किसी कंपनी में काम करती थी। पुलिस ने मौका मुआयना करने के बाद आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी चेक किए, जिससे यह पता चले सके कि युवती आखिरी बार कब कमरे में आयी। पुलिस ने युवती की मौत की सूचना परिजनों को दी। परिजन बरेली से रुद्रपुर पहुंच गए हैं। मौत से परिजनों में कोहराम मचा है।

परिजनों से अनबन के कारण अलग रह रही थी प्रीति

हाफिजगंज। मृतका प्रीति अपने पिता भाई और मां के साथ रुद्रपुर में रहती थी। वह और उसका भाई वहां एक प्राईवेट फैक्ट्री में नौकरी करते थे। छह माह पूर्व परिजनों से हुई अनबन के बाद वह अलग कमरा लेकर रहने लगी थी। कुछ दिन पूर्व उसका भाई राजू और मां गांव चले आए थे। जबकि पिता कालीचरण अकेले रुद्रपुर में ही रह रहे थे।

आखिर क्यों नहीं ली किसी ने युवती की सुध

ट्रांजिट कैंप थाने के प्रभारी निरीक्षक भारत सिंह ने बताया कि जिस कमरे में युवती रहती है, उस मकान में कई अन्य किराएदार भी हैं। यहां कॉमन टायलेट और बाथरूम है। ऐसे में कौन कमरे में मौजूद है और कौन नहीं, यह आसानी से पड़ोसियों को पता होता है। कमरे में बाहर से कोई ताला भी नहीं लगा था। उनका कहना था कि तीन से चार दिन पुराना शव प्रतीत हो रहा है।

कमरे में पर्याप्त वैंटिलेशन भी नहीं है। इसके चलते गर्मी से शव की हालत और खराब हो गई। संभावना है गर्मी के कारण नसें फटने से खून बहकर बाहर पायदान तक पहुंचा होगा। बदबू और खून बाहर आने के बाद ही पुलिस को घटना की सूचना मिली। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अकेली युवती का कमरा तीन-चार दिन से बंद पर किसी ने सुध क्यों नहीं ली।

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