ITR फाइल करते समय इस बात का रखें ध्यान, बिना इन डॉक्यूमेंट्स के कभी न भरें आईटीआर

अगर आप भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तैयारी कर रहे हैं तो आपको किसी भी प्रकार की कोई जल्दबाजी करनी की आवश्यकता नहीं है।

बता दें कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न फाइल करने का प्रोसेस शुरू हो गया है। आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2024 है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी रिटर्न फाइल करने के प्रोसेस को काफी आसान बना दिया है। अब करदाता आसानी से एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (TDS) भर सकते हैं। आयकर विभाग ने टीडीएस और एआईएस को भरने के प्रोसेस को आसान कर दिया है।

उम्मीद की जा रही है कि मई के पहले हफ्ते में एआईएस जारी हो सकता है। कई कंपनियों ने अभी तक कर्मचारियों के लिए फॉर्म-16 भी जारी नहीं किया है।

आईटीआर फाइल करना हुआ आसान

आयकर विभाग करदाताओं को सुविधा देने के लिए कई कदम उठा रहा है। विभाग ने एआईएस को भरने के प्रोसेस को आसान कर दिया है। इस प्रोसेस को आसान करने के बाद अब यूजर आसानी से रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

वैसे तो जब तक करदाता को एआईएस और फॉर्म 16 नहीं मिल जाता है उन्हें रिटर्न फाइल नहीं करना चाहिए अगर टैक्सपेयर बिना इनके रिटर्न फाइल करता है तो इनकम और ब्याज के आंकड़ों में अंतर आ सकता है। जिसकी वजह से आयकर विभाग द्वारा नोटिस (Income Tax Notice) भी मिल सकता है।    

क्या होता है AIS? (What is AIS)

एआईएस एक तरह का फॉर्म है जो आयकर विभाग द्वारा दिया जाता है। इसमें टैक्सपेयर के कमाई और उसके इनकम के सोर्स का ब्यौरा होता है।

इसका मतलब है कि इस फॉर्म में सेविंग अकाउंट से हो रहे इंटरेस्ट इनकम, एफडी से होने वाली इनकम, डिविडेंड, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के अलावा किसी दूसरे सिक्योरिटीज के इनकम और विदेश से हो रही कमाई आदि की जानकारी होती है।

आसान भाषा में समझें तो पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान सभी वित्तीय लेन-देन की स्टेटमेंट को ही एआईएस कहते हैं। एआईएस का सारांश ही टीडीएस होता है।

फॉर्म-16 में कौन-सी जानकारी होती है

रिटर्न फाइल करते समय फॉर्म-16 बहुत जरूरी होता है। यह एक तरह का टीडीएस सर्टिफिकेट (TDS Certificate) है। यह सर्टिफिकेट कंपनी द्वारा कर्मचारी को दिया जाता है। टीडीएस में पूरे कारोबारी साल में कर्मचारी की सैलरी से काटे गए एग्जम्शन और कितना डिडक्शन हुआ इसकी जानकारी होती।

फॉर्म 16 मिलते ही पहले क्या करें

  • जैसे की करदाता को फॉर्म 16 मिलता है उसे सबसे पहले चेक करना चाहिए कि इसमें दी गई जानकारी सही है या नहीं। अगर कोई गलती पाई जाती है तो करदाता को तुरंत नियोक्ता से संपर्क करना चाहिए। सभी जानकारी सही होने के बाद ही कर्मचारी को रिटर्न फाइल करना चाहिए।
  • कर्मचारी को फॉर्म 16 में दी गई जानकारी को क्रॉस चेक जरूर करना चाहिए। इसके लिए कर्मचारी इनकम टैक्स विभाग के वेबसाइट पर मौजूद  फॉर्म- 26 एएस और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) से मिलान कर सकता है। टैक्सपेयर को यह चेक करना चाहिए कि टीडीएस की रकम समान होनी चाहिए, उसमें कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
  • करदाता को फॉर्म 16 में चेक करना चाहिए कि इसमें उन्हें मिल रहे अलाउंस आदि की जानकारी है या नहीं। कर्मचारी को कंपनी द्वारा हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और लीव ट्रैवल असिस्टेंस (LTA) दिया जाता है।

ये भी चेक करें

  • करदाता को चेक करना चाहिए कि फॉर्म में पैन नंबर ठीक हो। अगर पैन नंबर (PAN Number) गलत होता है तो वह टैक्स रिफंड (Tax Refund) के लिए क्लेम नहीं कर सकता है।
  • फॉर्म 16 में सभी बेसिक जानकारी जैसे नाम, पता और कंपनी का टैन नंबर आदि अवश्य चेक करें।
  • अगर करदाता ने पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) सिलेक्ट की है तब उन्हें डिडक्शन की डिटेल्स भी चेक करनी चाहिए।
  • टैक्सपेयर ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान नौकरी बदली है तब उन्हें पुरानी कंपनी से फॉर्म 16 जरूर कलेक्ट करना चाहिए।
  • इनकम की सही जानकारी चेक करना बहुत जरूरी है। अगर इनकम या फिर इनकम सोर्स से जुड़ी कोई जानकारी गलत होती है तब आयकर विभाग द्वारा नोटिस भी आ सकता है। 
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