इस दिन वज्रयोग में मनेगा हनुमान प्राकट्य उत्सव, जरूर करें ये उपाय…

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जी के प्राकट्य की मान्यता है। इस बार मंगलवार को पूर्णिमा तिथि पर वज्र योग रहेगा। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में 27 योग की बात कही गई है। इनमें एक व्रज योग भी है, यह योग धार्मिक अनुष्ठान के लिए विशेष माना जाता है। इस संयोग में संकल्प अनुसार हनुमान जी की पूजा अर्चना करना शुभफलदायी माना गया है।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार जन्म कुंडली में मंगल शनि की विपरीत स्थिति हो या मंगल शनि का युति दोष हो अथवा मंगल या शनि की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा हो या फिर मंगल व शनि मार्केश हो उक्त सभी प्रकार के दोषों की स्थिति हनुमानजी की पूजा अर्चना व अनुष्ठान से समाप्त हो जाती है। इसलिए मंगल शनि को अनुकूल बनाने के लिए चैत्र पूर्णिमा पर उनकी आराधना अवश्य करना चाहिए।

प्रशासन व न्यायिक सफलता के लिए भी करें हनुमंत अनुष्ठान

जन्म कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया, शनि की महादशा या शनि का त्रिकेश संबंध विपरीत अवस्था में दिखाई देता हो, तो ऐसी स्थिति के लिए भी हनुमान जी की साधना विशेष मानी जाती है। प्रशासन से जुड़े सभी कार्य मंगल से संबद्ध होते हैं व न्यायपालिका या न्यायिक कार्यों से जुड़े काम शनि से संबद्ध होते हैं। किसी प्रकार से न्यायिक अवरोध की स्थिति जब होती है तो अनुकूलता के लिए भी हनुमान जी की साधना की जा सकती है। विधिवत व्रत, जाप, नियम व अनुष्ठान करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

यह उपाय करने चाहिए

हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमत स्तोत्र, हनुमान वडवानल स्तोत्र, हनुमान साठिका, पंचमुखी हनुमान कवच, एकादशमुखी हनुमान कवच के पाठ यथा विधि श्रद्धा के साथ करने से पारिवारिक सुख, शांति, स्वास्थ्य, सुरक्षा व दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker