पापमोचिनी एकादशी पर विष्णु भगवान का पूजन, पितृदोष निवारण के किए उपाय
जबलपुर में नर्मदा किनारे स्नान-दान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बहुत से व्रतधारियों ने शुक्रवार की रात को ही व्रत का पारण किया। जबकि बड़ी संख्या में व्रतधारी आज सुबह पापमोचिनी एकादशी व्रत खोलेंगे।शुक्रवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु के उपासकों ने पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखा। पापों से उद्धार पाने की मनोकामना से व्रत रखकर शुभयोगों में सारा दिन विष्णु भगवान का पूजन अर्चन किया गया। भगवान राम, श्रीकृष्ण व विष्णु मंदिरों में विशेष अनुष्ठान हुए।
नर्मदा तट पर सुबह से भीड़
पापमोचिनी एकादशी पर शुक्रवार को अलसुबह से ही नर्मदा तटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाई। वहीं दिन चढ़ने के साथ भक्त बड़ी संख्या में अपने परिवार के साथ पहुंचे। लोगों ने सारा दिन नर्मदा तट पर स्नान, पूजन व दान किया। पापमोचिनी एकादशी के कारण शहर के गौरीघाट, तिलवारा घाट, भटौली घाट सहित अन्य घाटों में काफी भीड़ लगी। श्रद्धालुओं ने कहा कि पापमोचिनी एकादशी पर नर्मदां में स्नान व दान करने से पापों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ जीवन में सुख शांति आती है। इस एकादशी के दिन किए जाने वाले स्नान दान से पुण्य भी कमाया जाता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने एकादशी पर व्रत रखकर विष्णु स्वरूप भगवान सत्यनारायण की पूजा की व कथा भी सुनी।
पितृदोष निवारण के किए उपाय
विद्वानों के अनुसार एकादशी तिथि को पितृदोष निवारण के उपाय किये जाते हैं। श्रद्धालुओं ने इसके लिए पापमोचिनी एकादशी की सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देकर बहते पानी में तिल प्रवाहित किया। शुक्रवार की एकादशी के चलते राहु की महादशा निवारण के उपाय भी किये गए। भक्तों ने पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित किया।