शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों का रिकॉर्ड रखने के लिए भारत ने लॉन्च किया डेटाबेस, GoF की बैठक में हुआ ऐलान

भारत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों को रिकॉर्ड करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में काम करने के लिए एक नया डेटाबेस लॉन्च किया है। भारत की यूएन दूत रुचिका कंबोज ने इसकी जानकारी दी है। डेटाबेस की लॉन्च की घोषणा मंगलवार को भारत के नेतृत्व वाले ग्रुप ऑफ फ्रेंड्स (जीओएफ) के बीच उच्च स्तरीय बैठक में हुई।

भारत ने लॉन्च किया डेटाबेस

रुचिका कंबोज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “यूएन के शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों को रिकॉर्ड करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में काम करने के लिए एक नया डेटाबेस लॉन्च करके खुशी हो रही है।”

डेटाबेस को ऑनलाइन भंडार के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारत द्वारा प्रायोजित इस डेटाबेस को यूनाइट अवेयर प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया गया है। इस बैठक में रुचिका कंबोज ने पिछले वर्ष जीओएफ की प्रगति पर प्रकाश डाला। जीओएफ की स्थापना 2022 में हुई थी। इसे भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र परिषद की अध्यक्षता के दौरान ब्लू हेमलेट के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेह को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था। भारत, बांग्लादेश, मिस्र, फ्रांस, मोरोक्को और नेपाल जीओएफ के सह अध्यक्ष हैं। इसमें 40 अन्य देश भी शामिल हैं।

जीओएफ की दूसरी बैठक मंगलवार को हुई, जिसमें शांति सैनिकों को निशाना बनाने वाले अपराधियों के खिलाफ कानूनी ढांचे को मजबूत करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई। अंतर्राष्ट्रीय कानून आयोग के प्रतिष्ठित सदस्य और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बिमल पटेल ने इस विषय पर अपनी राय दी।

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