अगर 2047 तक भारत को बनना है दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था: अमिताभ कांत

भारत को विकसित देश बनाने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कर चुके हैं। इसे लेकर उनकी सरकार क्‍या कदम उठा रही है इसकी जानकारी भी वो देते रहे हैं। 2027 तक देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का उनका लक्ष्‍य है। और साथ ही साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का भी लक्ष्‍य मोदी सरकार ने तय कर रखा है। लेकिन इस राह में कई चुनौतियां भी हैं।

अब नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि अगर भारत को 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनना है तो हर साल 9-10 फीसद की दर से करीब तीन दशकों तक विकास करना होगा और साथ ही लगातार नवाचार की भी आवश्‍यकता होगी।

मुंबई में टेक एंटरप्रेन्योर्स एसोसिएशन मुंबई (टीईएएम) द्वारा आयोजित ‘मुंबई टेक वीक’ (एमटीडब्ल्यू) में अमिताभ कांत ने कहा, ”हम अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था हैं और 2027 तक हम जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्‍थान पर पहुंच जाएंगे। और हमारा लक्ष्‍य है कि 2047 में हमारी आजादी के 100 साल पूरे हों तो भारत 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था जाए।”

कांत ने कहा कि इसका मतलब है कि तब भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था होगा। और 35 ट्रिलियन डॉलर कीअर्थव्‍यवस्‍था बनने के लिए हमें साल दर साल करीब तीन दशकों तक 9-10 फीसदी की दर से विकास करना होगा, और लगातार नवाचार करते रहना होगा।

कांत ने कहा कि भारत ने 1.4 अरब लोगों की डिजिटल पहचान बनाई और तकनीकी रूप से देश बहुत आगे बढ़ गया है।

इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रधानमंत्री की आर्थ‍िक सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्‍य सी रंगराजन भी कह चुके हैं कि अगर भारत को विकसित देश बनना है तो अभी से ही हर साल 7-8 फीसदी के दर से विकास करना होगा और साथी ही प्रति व्‍यक्‍त‍ि आय को भी 13000 डॉलर पर ले जाना होगा।

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