बरेली के युवक से तीन तलाक पीड़िता ने हिन्दू रीति रिवाज से किया विवाह, जानिए पूरा मामला

कहते हैं कि प्यार में न तो जाति देखी जाती है और न ही धर्म। कुछ ऐसा ही मामला यूपी के बरेली जिले से सामने आया है। बिहार की रहने वाले तीन तलाक पीड़िता का बरेली के युवक से इंस्टाग्राम पर दोस्ती हो गई। इसके बाद दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। कुछ दिन बातचीत के बाद तीन तलाक पीड़िता से बिहार से बरेली आ गई। बरेली में उसने अगस्त्य मुनि आश्रम में हिन्दू रीति रिवाज से महेश से शादी की और मीनाक्षी शर्मा बन गई। दंपति ने ऑनर किलिंग का खतरा बताते हुए डीएम और एसएसपी से सुरक्षा की गुहार लगाई है।  

बिहार में जिला पूर्णिया के गांव मीर मिलीक, रंगपुरा उत्तर, मीरगंज धमदाहा निवासी नसीमा खातून की डेढ़ साल की बेटी है। तीन साल पहले उनका निकाह हुआ और कुछ समय बाद ही ससुराल वालों ने उत्पीड़न शुरू कर दिया। बेटी ने जन्म के बाद उत्पीड़न भी बढ़ गया और फिर उन्हें तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। दोबारा साथ रहने की बात हुई तो हलाला करने की बात कही गई। करीब महीने भर पहले इंस्टाग्राम पर क्योलड़िया के गांव साहबगंज करुआ निवासी महेश शर्मा से उनका परिचय हुआ। बातचीत शुरू हुई और फिर दोनों ने एक होने का फैसला कर लिया। इसके बाद वह बरेली आ गईं।

महेश गुरुवार को उन्हें लेकर मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचे। वहां आचार्य केके शंखधार को पूरी जानकारी दी और शादी की इच्छा जताई। इसके बाद नसीमा का शुद्धिकरण कराकर महेश शर्मा से हिन्दू रीति रिवाज से उनकी शादी करा दी गई। इसके बाद नसीमा ने अपना नाम मीनाक्षा शर्मा रख लिया। इस शादी के बाद नसीमा के परिवार वालों से खतरा जताते हुए दोनों ने ऑनर किलिंग की आशंका जताते हुए डीएम व एसएसपी को प्रार्थनापत्र देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। इस दौरान नसीमा ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार किया है। मुगल आक्रांताओं के आतंक से पूर्वज मुस्लिम बन गए थे लेकिन उनकी आस्था सनातन धर्म में है।

दो दिन पहले शाहाना से शारदा बनी थी तलाक पीड़िता

मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का ये कोई पहला मामला नहीं है। दो दिन दिन पहले भी एक तलाक पीड़िता ने हिंदू धर्म अपनाकर अपने प्रेमी से शादी कर ली थी। बुलंदशहर निवासी तीन तलाक पीड़िता शाहाना की बहेड़ी के रहने वले प्रकाश से नजदीकियां बढ़ीं तो दोनों की दोस्ती मोहब्बत में बदली। इसके बाद इज्जतनगर क्षेत्र स्थित भीटानाथ मंदिर में दोनों ने शादी कर ली थी।  शाहाना ने बताया कि उसका पहला पति आए दिन उसे मारता-पीटता था। पति से तंग आकर शहाना ने तलाक ले लिया था। तलाक के बाद पति हलाला का दबाव भी बना रहा था। इसके बाद उसने सनातन धर्म अपनाने की सोचा तो प्रकाश से दोस्ती हो गई। इसके बाद दोनों ने एक साथ जीवन बितानी की ठानी और फिर 14 फरवरी को मंदिर में शादी कर ली। शहाना ने इसके बाद अपना नाम बदलकर शारदा रख लिया।

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