JUI-F के नेता ने 2022 में इमरान खान की सरकार के गिरने को लेकर किया बड़ा खुलासा
एक वक्त था जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तानी सेना के लिए आंखों का तारा हुआ करते थे। विपक्षी नेता भी इमरान खान पर तंज कसते हुए उन्हें सेना का दुलारा कहकर बुलाते थे। हालांकि, फिर एक ऐसा समय आया, जब खान सेना के लिए एक तरह से अभिशाप बन गए। इसी को लेकर, पाकिस्तान के एक दक्षिणपंथी पाकिस्तानी राजनेता ने एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि शीर्ष सैन्य नेताओं ने साल 2022 में इमरान खान की सरकार को गिराया था।
टीवी टॉक शो में दावा
जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के मौलानाफजल-उर-रहमान ने गुरुवार को एक टीवी टॉक शो में दावा किया कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को गिराया था।
अविश्वास प्रस्ताव पर बोले रहमान
रहमान ने पीटीआई संस्थापक के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को वापस लेने पर कहा कि जब पीपीपी पीटीआई के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही थी, तब जनरल बाजवा और फैज हमीद हमारे संपर्क में थे। उन्होंने सभी दलों से अविश्वास प्रस्ताव लाने को कहा था।
रहमान ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘किसी को उनके सामने खड़ा होना चाहिए था और कहना चाहिए कि यह गलत है। उन्होंने आगे कहा, ‘जब तक चीजें ठीक नहीं हो जातीं, तब तक विरोध जारी रहेगा, क्योंकि सत्ता का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। इस विरोध के परिणामस्वरूप एक क्रांति होगी।’
गठबंधन सरकार बनाने की योजना पर आलोचना
पीटीआई के साथ बातचीत पर रहमान ने कहा, ‘पीटीआई के साथ मन में मतभेद है, जिसे सुलझाया जा सकता है।’ उन्होंने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी समेत अन्य दलों के सहयोग से गठबंधन सरकार बनाने की योजना की घोषणा के लिए पीएमएल-एन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान संसद का कोई भविष्य नहीं है, क्योंकि संसद में निर्णय और नीतियां कहीं और से आएंगी।
पाकिस्तान की राजनीति में नाटकीय उठापटक
गौरतलब है, पाकिस्तान की राजनीति में नाटकीय उठापटक तब शुरू हुई थी जब इमरान खान पाकिस्तान की जनता को गुड गवर्नेंस देने में लगातार विफल होने लगे थे। खासकर पंजाब प्रांत के बिगड़ते हालातों ने सेना को सोचने पर मजबूर कर दिया था। यहां तक कि पाकिस्तान के विपक्षी पार्टियां भी खुलेआम सेना पर आरोप लगाने लगी थीं कि सेना की वजह से इमरान खान को सत्ता की चाबी मिली है। वहीं, जनरल बाजवा और लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के बीच के मतभेद उभरकर सामने आने लगी थे।
इन सबके बीच, 10 फरवरी, 2022 को पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को उनके नेतृत्व में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। विपक्षी दलों द्वारा उनके खिलाफ एक प्रस्ताव लाए जाने के बाद मतदान आयोजित किया गया था। यह मतदान तब हुआ जब देश के उच्चतम न्यायालय ने विपक्षी दलों के पक्ष में फैसला दिया और कहा कि 71 वर्षीय खान ने असंवैधानिक रूप से काम किया है।