बिहार: सरकारी शिक्षक के कोचिंग सेंटर में पढ़ने पर पर होगी सख्त कार्रवाई, केके पाठक ने दिए निर्देश

सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक कोचिंग सेंटर में नहीं पढ़ा सकेंगे। ऐसे शिक्षकों पर शिक्षा विभाग की पैनी नजर है। कोचिंग में जाकर बच्चों को पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के निदेशक ने डीईओ को पत्र लिखकर वैसे सभी शिक्षकों से जुड़ी सूचना मांगी है, जो कोचिंग संस्थानों में पढ़ाते हैं।

इस संदर्भ में एक जनवरी को डीईओ को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इस प्रकार की सूचना विभाग को मिल रही है कि प्रारंम्भिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षक कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने जाते हैं।

विहित प्रपत्र में ऐसे शिक्षकों के नाम,पदस्थापित विद्यालय के नाम और कोचिंग के नाम जहां सरकारी शिक्षक पढ़ाने जाते हैं, इसकी सूचना विभाग को अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

डीएम और डीडीसी को भेजा गया पत्र

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने डीएम और डीडीसी को भेजे गए पत्र में सरकारी शिक्षकों द्वारा कोचिंग में पढ़ाने की प्रवृति पर रोक लगाने को कहा है।

अपर मुख्य सचिव ने कोचिंग संस्थानों से इस आशय का प्रमाण पत्र लेने को कहा है कि उनके यहां कोई भी सरकारी शिक्षक या अध्यापक कक्षाएं नहीं लेते हैं।

अगले महीने होने वाली बोर्ड परीक्षा को देखते हुए सरकारी शिक्षक व अध्यापकों की छुट्टी लेने की मनोवृति पर भी नियंत्रण रखने को कहा गया है।

डीईओ के माध्यम से प्रधानाध्यापकों को निर्देशित करने को कहा गया है कि वह अपने यहां किसी भी सूरत में दस प्रतिशत से अधिक शिक्षकों की छुट्टी को स्वीकृत नहीं करेंगे।

शिक्षा पदाधिकारी ने क्या कहा?

अरवल जिला शिक्षा पदाधिकारी बिंदु कुमारी ने बताया कि वैसे सरकारी शिक्षक जो कोचिंग में भी पढ़ाते हैं। उनके नाम के साथ पूरा ब्योरा शिक्षा विभाग के द्वारा मांगा गया है। सभी बीईओ को प्रपत्र उपलब्ध कराते हुए दो दिनों के अंदर सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

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