केके पाठक के एक्शन पर मचा हड़कंप, हेडमास्टर समेत तीन शिक्षकों को किया सस्पेंड, जानिए पूरा मामला…

सख्त मिजाज आइएएस (IAS) अधिकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) ने सीतामढ़ी से जाते-जाते एक हेडमास्टर व दो सहायक शिक्षकों को निलंबित करने के आदेश दे दिए। ये तीनों बिना सूचना ड्यूटी से गायब पाए गए। उधर, मिड डे मील आपूर्ति करने वाली एजेंसी नवप्रयास एक लाख रुपये का जुर्माना ठोका।

यह एजेंसी डुमरा व रीगा प्रखंड में बच्चों को भोजन की आपूर्ति करने का ठेका लेकर बैठी है, लेकिन 12.30 बजे तक बच्चों को भोजन नहीं मिल पाया था। नियम के अनुसार, 12.20 बजे भोजन मिल जाना चाहिए, मगर 10 मिनट विलंब होने पर ही एजेंसी को लाख रुपये जुर्माना भरने का आदेश केके पाठक ने जारी कर दिया।

क्या है पूरा मामला

नगर निगम वार्ड-20 अंतर्गत मध्य विद्यालय खड़का में विद्यालय की व्यवस्था की शिकायत मिलने पर पहुंचे केके पाठक ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक की अनुपस्थिति के बारे में पूछा। पता चला कि प्रधानाध्यापक सत्य प्रकाश ज्ञानी ने आवेदन बढ़ाकर छुट्टी मार बैठे थे, जबकि उनका आवेदन अभी स्वीकृत नहीं हो पाया था।

नियमानुसार, प्रभारी प्रधानाध्यापक को बीईओ से छुट्टी का आवेदन स्वीकृत कराना पड़ता है। इस संदर्भ में डुमरा बीईओ सह सर्व शिक्षा अभियान डीपीओ सुभाष कुमार से पूछा तो उन्होंने भी अनभिज्ञता जाहिर कर दी। वहीं विद्यालय के दो सहायक शिक्षक रोहित कुमार व रुपेश कुमार भी बिना सूचना अनुपस्थित पाए गए। लिहाजा, तीनों को निलंबित करने का आदेश डीईओ को दे दिया।

स्कूल में जल रही चोरी से बिजली

केके पाठक को देखकर बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने कहा कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा मनमानी की जाती है और पढ़ाई-लिखाई में ध्यान नहीं दिया जाता है। इस बात पर वर्ग कक्षा में गए और बच्चों से भी जानकारी ली। इस विद्यालय में 513 बच्चों में 259 ही मौजूद थे। विद्यालय के शौचालय में पानी का इंतजाम नहीं था। इस पर उन्होंने प्रभारी प्रधानाध्यापिका से पूछा तो जवाब दिया कि पानी बिजली से आता है और वह तार ही किसी ने कहीं से विच्छेद कर दिया है।

ग्रामीणों ने कह दिया कि चोरी से बिजली जलाई जा रही है। यह सुनकर केके पाठक ने अविलंब नियमानुसार कनेक्शन लेने का आदेश दिया। बच्चों ने उनके बाद बताया कि अंकल आज क्या है कि इतना अच्छा खाना परोसा जा रहा है। केके पाठक के आने से पुलाव, सब्जी के साथ मेन्यू के अनुसार खाना मिलने पर बच्चों में जबरदस्ती खुशी देखी गई। सभी बच्चे यहीं चाह रहे थे कि काश! ऐसी व्यवस्था रोजाना रहती।

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