भाजपा के इन चेहरों पर रहेगी नजर, 10 फीसदी वोट जोड़ने का प्लान

अपनी चुनाव मशीनरी से अब तक एक कदम आगे दिखने वाली भाजपा अब लोकसभा इलेक्शन की तैयारी में जुट गई है। कुछ महीने पहले ही पार्टी अहम सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लेना चाहती है ताकि कैंडिडेट्स को जनता से संपर्क के लिए वक्त मिल सके। बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भाजपा सबसे पहले कैंडिडेट घोषित करना चाहती है, जहां पार्टी की स्थिति उत्तर और पश्चिम भारत के मुकाबले थोड़ी कमजोर है। ऐसे में भाजपा चाहती है कि उम्मीदवारों के सेलेक्शन पर काम शुरू कर दिया। बीते सप्ताह पार्टी ने इसे लेकर दो दिनों की मीटिंग भी थी, जिसमें खुद पीएम मोदी भी पहुंचे थे। 

भाजपा सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व चुनाव में राज्यसभा से आने वाले मंत्रियों को भी उतारने पर विचार कर रहा है। इन नेताओं में एस. जयशंकर, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव जैसे दिग्गज शामिल हैं, जो सरकार का हिस्सा हैं, लेकिन राज्यसभा से आते हैं। पार्टी को लगता है कि इन नेताओं को उतारने से माहौल बनेगा और कुछ सीटों पर जीत तय हो सकती है। इसके अलावा चुनाव के बाद कई अन्य नेताओं को संगठन से सदन में लाया जा सकेगा। यह वही फॉर्मूला है, जिसे अभी 5 राज्यों के चुनाव में आजमाया गया था। यहां भाजपा ने राजस्थान से लेकर छत्तीसगढ़ तक कई सांसदों और मंत्रियों को भी चुनाव में उतार दिया था।

तीनों ही राज्यों में भाजपा जीत गई है और कई दिग्गज नेता अब राज्य सरकार का हिस्सा हैं। माना जा रहा है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान फरवरी के अंत तक या फिर मार्च में हो सकता है। इसलिए भाजपा जनवरी के अंत तक बड़ी संख्या में उम्मीदवार तय कर लेना चाहती है। पार्टी ने चुनाव में 2019 की तुलना में वोट शेयर को 10 फीसदी तक बढ़ाने की बात कही है। मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी ने यह टारगेट दिया। वहीं अमित शाह ने कहा कि हमारी परफॉर्मेंस ऐसी होनी चाहिए कि विपक्ष एक बार फिर से चौंक जाए। 

अकेले 50 पर्सेंट वोट पाना चाहती है भाजपा, क्या है तैयारी

2019 के आम चुनाव में भाजपा 37 फीसदी लाई थी और एनडीए के खाते में 45 पर्सेंट वोट गए थे। अब भाजपा इसे अकेले ही 50 फीसदी के करीब ले जाना चाहती है। भाजपा का मानना है कि यदि तेलंगाना, ओडिशा, आंध्र और बंगाल जैसे राज्यों में अपने प्रदर्शन को पहले के मुकाबले सुधारती है तो आंकड़ा बेहतर होगा। भाजपा ने फिलहाल सीटों का आंकड़ा तय नहीं किया है कि वह कितने पर जीत चाहती है, लेकिन यह जरूर तैयारी की है कि आंकड़ा 2019 से भी बेहतर रहे। तब भाजपा ने अकेले 303 सीटें हासिल की थीं। 

एस. जयशंकर को लेकर इन सीटों की है चर्चा

खबरें चल रही हैं कि निर्मला सीतारमण को तमिलनाडु की किसी सीट से उतारा जा सकता है। वहीं एस. जयशंकर को लेकर तो तीन सीटें भी चर्चा में हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें तीन सीटों बेंगलुरु ग्रामीण, विशाखापत्तनम ग्रामीण और तिरुअनंतपुरम में से किसी एक से उतारा जा सकता है।

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