टीम इंडिया को दो बार चैंपियन बनाने में युवराज सिंह ने निभाया अहम रोल, जानिए करियर…

12 दिसंबर 1981 में चंडीगढ़ में जन्मे टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह आज पूरे 42 साल के हो गए हैं। नंबर 4 पर बल्लेबाजी करके टीम इंडिया को दो-दो वर्ल्ड कप जिताने वाले युवराज सिंह का करियर काफी उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा।

पिता की जिद ने बनाया क्रिकेटर-

स्केटर बनने की चाह रखने वाले युवराज को क्रिकेटर पिता योगराज सिंह की जिद ने टीम इंडिया में खेलने पर मजबूर किया, लेकिन युवराज ने यह रोल भी बखूबी निभाया। दरअसल हुआ यह कि टी20 विश्व कप 2007 में भारत का मुकाबला इंग्लैंड के साथ था।

युवराज और धोनी थे क्रीज पर-

भारत की पारी के दौरान टीम का स्कोर 155 रन था और भारत के लगातार तीन ओवर में तीन विकेट गिर चुके थे। इसके बाद नंबर चार पर बल्लेबाजी करने युवराज सिंह आए। युवराज के साथ नॉन स्ट्राइकर एंड पर धोनी मौजूद थे।

फ्लिंटॉफ से हुई बहस-

युवराज ने अगले ओवर में एंड्र्यू फ्लिंटॉफ को दो चौके लगाए, जिससे इंग्लैंड के गेंदबाज को गुस्सा आया और दोनों के बीच बहस हो गई। ऐसे में अंपायर को विवाद सुलझाने के लिए बीच में आना पड़ा। युवराज सिंह ने मुंह से ज्यादा नहीं बोला और अपना सारा गुस्सा बल्ले पर उतारा।

एक ओवर में जड़े 6 छक्के-

अगले ओवर में गेंदबाजी करने स्टुअर्ट ब्रॉड आए। ऐसे में युवराज ने उन्हें एक ओवर में लगातार छह छक्के जड़ दिए और 12 गेंदों में सबसे तेज अर्धशतक जड़ने का शानदार रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने इस मैच में 14 गेंदों में 58 रन बनाए थे और भारत ने यह मैच जीत लिया था।

कैंसर से पीड़ित-

2011 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में युवराज खून की उल्टियां कर रहे थे, लेकिन उन्होंने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद नवंबर 2011 में जब बात सामने आई तो पता चला कि युवराज के सीने में कैंसर है। इस बात का खुलासा होते ही युवराज के फैंस काफी उदास थे। 

मैदान पर फिर की वापसी-

वर्ल्ड 2011 के दौरान ही उन्हें कैंसर का पता चल चुका थे, लेकिन युवराज टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। उन्होंने वर्ल्ड कप में बल्ले से 362 रन और गेंद से 15 विकेट चटकाए थे। इसके बाद युवराज ने 2014 टी20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर मैदान पर वापसी की थी। 

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