महाराष्ट्र: नवाब मलिक को लेकर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आमने-सामने, जानें क्या कहा…
एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक को लेकर महाराष्ट्र के दोनों उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, भाजपा खेमें से डिप्टी सीएम फडणवीस ने अजित पवार को पत्र लिखकर कहा है कि वो नवाब मलिक को अपने गुट में शामिल ना करें, क्योंकि उनके ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं।
एनसीपी बागी गुट के नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार ने फडणवीस के पत्र को लेकर कहा है कि वह नवाब मलिक द्वारा आधिकारिक तौर पर अपना पक्ष रखने के बाद अपनी बात रखेंगे।
नवाब मलिक के रुख के बाद अपनी बात रखूंगा- अजित पवार
अजित पवार ने कहा, “मुझे फडणवीस का पत्र मिला। मैं यह जानने के बाद अपनी बात रखूंगा कि नवाब मलिक का आधिकारिक रुख क्या है। विधानसभा में कौन कहां बैठता है, यह मैं तय नहीं करता, इसका फैसला स्पीकर करते हैं।”
इस बात को लेकर उपजा विवाद
बता दें कि गुरुवार (7 दिसंबर) को वरिष्ठ नेता नवाब मलिक महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधान भवन परिसर में अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के सदस्यों के साथ बैठे थे। मलिक का अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नेता सीनियर नेता अनिल पाटिल ने स्वागत किया। इसी बात को लेकर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आमने-सामने आ गए हैं।
महाराष्ट्र सरकार में शामिल दो बड़ी पार्टियों का मुद्दा बने मलिक
अब नवाब मलिक का मुद्दा महाराष्ट्र सरकार में शामिल दो बड़ी पार्टियों का मुद्दा बन गया है। वहीं, एनसीपी-अजित पवार गुट के नेता अमोल मिटकारी ने कहा कि नवाब मलिक पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता रहे हैं और पार्टी के वरिष्ठ नेता इस पर अपनी बात रखेंगे।
एनसीपी का आधिकारिक बयान
अमोल मिटकारी ने कहा, “सदन में बैठने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। अगर विधानसभा अध्यक्ष ने बैठने की व्यवस्था की है, तो मेरा मानना है कि उन्हें (फडणवीस) इसके बारे में ज्यादा जानकारी होनी चाहिए। नवाब मलिक पार्टी के प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता हैं। हमारे एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं सुनील तटकरे ने कल पार्टी का रुख स्पष्ट कर दिया। मैंने इससे पहले अजित पवार से मुलाकात की है, इस बारे में डिप्टी सीएम या पार्टी वरिष्ठ नेता रुख स्पष्ट करेंगे।”
प्रदेश अध्यक्ष हैं सुनील तटकरे ने कहा, “नवाब मलिक कई सालों से हमारे वरिष्ठ सहयोगी हैं। बीमारी को लेकर उन्हें जमानत मिली है, हमने पुराने सहयोगी होने के नाते उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए मुलाकात की। हमारी उनसे कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। विधानसभा में आने के बाद, यह स्वाभाविक है कि वह अपने पुराने सहयोगियों से बातचीत करेंगे।”