NEET: कटऑफ जीरो के बाद भी PG की 247 सीटें खाली, MBBS की भी 485 सीटें रिक्त
नीट पीजी कटऑफ जीरो करने के बावजूद भी इस बार मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज की 247 सीटें खाली रह गईं। यही नहीं 485 अंडर ग्रेजुएट मेडिकल सीटें भी अभी तक रिक्त हैं। ये सीटें ऑल इंडिया कोटे की हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीन पवार ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। प्रश्न में पूछा गया था कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में कितनी यूजी और पीजी मेडिकल सीटें खाली पड़ी हैं और इसका कारण क्या है? आपको बता दें कि इस बार नीट पीजी के जरिए मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिले के लिए क्वालिफाइंग परसेंटाइल को घटाकर शून्य कर दिया गया था। इसके बावजूद भी नीट पीजी की सीटें खाली रह गई हैं।
एक यह भी सवाल उठाया गया कि क्या आरक्षित श्रेणियों की तुलना में कम अंक प्राप्त करने वाले जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार मेडिसिन पीजी कोर्सेज में प्रवेश ले रहे हैं और क्या कम अंक वाले छात्र सीटें हासिल कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तैयार की गई योजना के अनुसार ऑल इंडिया कोटा की मेडिकल यूजी व पीजी सीटों पर एडमिशन के लिए नीट यूजी और नीट पीजी काउंसलिंग का संचालन डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ साइंस की मेडिकल काउंसलिंग कमिटी की ओर से किया जाता है। उन्होंने कहा “रिक्त सीटों को भरने के लिए पीजी एडमिशन के लिए मिनिमम क्वालिफाइंग परसेंटाइल को शून्य किया गया। इससे नीट पीजी में उपस्थित होने वाला प्रत्येक उम्मीदवार काउंसलिंग में भाग लेने के लिए पात्र हो गया। “
मंत्री ने कहा कि नीटी पीजी की खाली सीटों को भरने के लिए पीजी काउंसलिंग कराने को लेकर स्पेशल स्ट्रे वैकेंसी राउंड भी कराया गया।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीन ने यह भी बताया कि 2014 के बाद एमबीबीएस सीटों में भी 112 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी अवधि में स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों की संख्या में भी 127 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर वर्तमान में 706 हो गई है। उन्होंने कहा कि इसी अवधि में एमबीबीएस सीटें 51,348 से बढ़कर 1,08,940 हो गईं, जबकि पीजी सीटें 31,185 से बढ़कर 70,674 हो गईं।