सीएम योगी ने कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर लगाई मुहर, पढ़ें पूरी खबर…

योगी कैबिनेट की अहम बैठक मंगलवार को हुई। इस बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। इन फैसलों की बाते करें तो शिक्षा से लेकर पर्यटन तक के प्रस्तावों पर चर्चा हुआ। तो चलिए बताते हैं आपको योगी कैबिनेट में लिए गए कुछ अहम फैसलों के बारे में।

 उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी के माध्यम से किया जाएगा। सर्च कमेटी योग्य अभ्यर्थियों की सूची तैयार करेगी और यह सूची मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। मंगलवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन नियमावली, 2023 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

सर्च कमेटी पर अहम जिम्मेदारी

यही नहीं उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सभी स्थायी कर्मचारी आगे इस शिक्षा सेवा चयन आयोग में अपनी सेवाएं देंगे। उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों के अलावा एक सचिव, एक परीक्षा नियंत्रक, न्यायिक सेवा का एक विधि अधिकारी, एक वित्त एवं लेखाधिकारी, आउटसोर्सिंग से एक कंप्यूटर व आईटी समन्वयक के साथ-साथ राज्य सरकार चार उप सचिव स्तर के अधिकारियों को अधिकतम तीन वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर आयोग में सेवाएं देने के लिए भेजेगी। इसे विधानमंडल के शीत सत्र में पारित कराया जाएगा। इस नियमावली के तैयार होने से योग्य शिक्षकों व प्रशिक्षकों के चयन का कार्य तेजी से शुरू हो सकेगा।

राज्य विश्वविद्यालय खोलने को अध्यादेश में संशोधन

देवीपाटन मंडल, मुरादाबाद मंडल और विंध्याचल मंडल में राज्य विश्वविद्यालय खोलने के लिए अध्यादेश में संशोधन को भी मंजूरी दे दी गई है। उप्र राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन), अध्यादेश, 2023 का प्रतिस्थानी विधेयक विधानमंडल के इस शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

कर्मचारियों के बीमा व पेंशन की पुरानी व्यवस्था खत्म

उत्तर प्रदेश राज्य सहायता प्राप्त (एडेड) शिक्षण संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए करीब 58 वर्ष पहले लाभत्रयी योजना शुरू की गई थी। इसके तहत उन्हें पेंशन, बीमा और अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) देने की व्यवस्था है। नई पेंशन योजना लागू होने और अन्य नियमों के बदलाव के चलते इस पुरानी योजना का अब महत्व खत्म हो गया है। ऐसे में कैबिनेट ने इसे समाप्त किए जाने का निर्णय लिया है। उप्र राज्य सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों के लिए 17 दिसंबर, 1965 बनाई गई लाभत्रयी नियमावली को समाप्त कर दिया गया है।

एसआर विश्वविद्यालय राजधानी में खोलने को मंजूरी

लखनऊ में एसआर विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए आशय पत्र जारी करने को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब इस निजी विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए प्रायोजक निजी संस्था मानक के अनुसार इसका निर्माण शुरू करेगी। वहीं दूसरी ओर शाहजहांपुर में निजी क्षेत्र के वरुण-अर्जुन विश्वविद्यालय को खोलने के लिए उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (छठवां संशोधन) अध्यादेश, 2023 के स्थान पर अब विधेयक विधानमंडल के इस शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।

ट्रिपल आइटी को मुफ्त में दी गई 50 एकड़ जमीन

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आइटी) को राजधानी में चक गंजरिया (सीजी सिटी) में 50 एकड़ मुफ्त जमीन दिए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। प्राविधिक शिक्षा विभाग की यह भूमि अब इस संस्थान के नाम होगी।

अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण

विप्रा के हवाले अयोध्या में पर्यटकों के लिए बनने वाले पर्यटक सुविधा केंद्र तथा अन्य विकास कार्यों की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था के रूप में अयोध्या विकास प्राधिकरण को सौंप दी गई है। इस संदर्भ में कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। सरकार द्वारा अयोध्या में 4.4 एकड़ भूमि पर 133 करोड़ की लागत से पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण करवाया जा रहा है। निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही यहां पर पर्यटन कार्यालय भी खोला जाना है।

2025 तक काम पूरा करने का है लक्ष्य

2025 तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। वाहनों की खरीद प्रस्ताव को स्वीकृति अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स की स्पेशल यूनिट की सक्रियता बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने वाहनों की खरीद के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। लगभग 50 लाख रुपये से तीन वाहन खरीदे जाएंगे। इनमें एक इनोवा, एक स्कार्पियो व एक बोलेरो शामिल होगी।

एक वर्ष में पांच लाख से अधिक जीपीएफ कटौती नहीं

राज्य सरकार के कार्मिक अब एक वित्तीय वर्ष में सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में अपने अंशदान के लिए पांच लाख रुपये से अधिक धनराशि की कटौती नहीं करा सकेंगे। इसके लिए मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में सामान्य भविष्य निधि (उत्तर प्रदेश)(संशोधन) नियमावली, 1985 के संबंधित नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। केंद्र सरकार की ओर से इस संबंध में 15 जून 2022 को आदेश जारी किए जाने के बाद राज्य सरकार के वित्त विभाग ने भी इस बाबत आदेश जारी किया था।

नियमावली में संशोधन का किया गया निर्णय

अब इसके लिए जीपीएफ नियमावली में संशोधन का निर्णय किया गया है। कैबिनेट ने उप्र वित्त एवं लेखा सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2023 को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि वैट और जीएसटी की दरों में परिवर्तन के कारण परियोजना की लागत बढ़ने पर पुनरीक्षित व्यय के प्रस्तावों को अब विभागीय मंत्री के अनुमोदन से स्वीकृति दी जा सकेगी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker