नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए करना होगा इंतजार, जानें सीएम धामी सरकार का प्लान

सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार उत्तराखंड की नजूल नीति पर यह बड़ा अपडेट सामने आया है। इसकी समय सीमा आगे बढ़ाए जाने की तैयारी है। गत बजट सत्र में पारित उत्तराखंड का नजूल विधेयक अब तक राष्ट्रपति भवन से मंजूर नहीं होने से आवास विभाग मौजूदा नीति को फिर बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।

नजूल भूमि पर बसे परिवारों को मालिकाना हक देने के लिए, उत्तराखंड सरकार ने गैरसैंण में आयोजित बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक पारित किया था। उक्त विधेयक राजभवन ने मंजूरी के लिए राष्ट्रपति भवन के जरिए गृह मंत्रालय के पास भेजा था, जिसे अब तक हरी झंडी नहीं मिली है।

मौजूदा नजूल नीति की समय सीमा 11 दिसंबर को समाप्त हो रही है। आगामी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा, सचिव आवास एसएन पांडेय ने इसकी पुष्टि की है। आवास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में करीब 392.024 हेक्टेयर नजूल भूमि है।

जो मुख्य रूप से यूएसनगर, हरिद्वार, रामनगर, बेनीताल, देहरादून जैसे शहरों में है। रुद्रपुर में करीब 24 हजार परिवार नजूल भूमि पर बसे हुए हैं, शहरों में प्रमुख बाजार नजूल भूमि पर बसे हैं।

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