CBI को दी गई सहमति वापस लेने का आदेश कर सकती है कर्नाटक सरकार, जानिए पूरा मामला

कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के खिलाफ चल रही सीबीआई जांच को रद्द करने की बात कही गई थी। इस पर शिवकुमार ने कोई भी टिप्पणी देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं, जो  कानून के अनुरूप नहीं है।

बैठक में मौजूद नहीं रहे शिवकुमार

कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख शिवकुमार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में भी मौजूद नहीं थे। माना जा रहा है कि अब कांग्रेस सरकार इस मामले में सीबीआई को दी गई सहमति वापस लेने का आदेश जारी कर सकती है।

शिवकुमार ने मीडिया से कहा, ”मैंने अखबार में देखा, मैं कल कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हो सका, इसको लेकर जिसे जो बोलना है, वह बोले।” शिवकुमार चुनाव प्रचार के लिए दो दिनों के लिए तेलंगाना जा रहे हैं, इसको लेकर उन्होंने कहा, “अगर पार्टी मुझसे प्रचार विस्तार करने के लिए करेगी, तो मुझे करना होगा।”

29 नवंबर तक स्थगित की गई सुनवाई

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा चलाने के लिए पिछली सरकार द्वारा सीबीआई को दी गई मंजूरी के खिलाफ शिवकुमार द्वारा दायर अपील की सुनवाई बुधवार को 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। सीबीआई ने 15 नवंबर को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय को जांच एजेंसी द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है, जिसमें अपील पर लगी रोक को दो सप्ताह के भीतर हटाने की मांग की गई है।

रोक को हटाने के लिए सीबीआई ने दाखिल की अर्जी

इससे पहले एकल न्यायाधीश पीठ ने शिवकुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2019 को दी गई मंजूरी को चुनौती दी गई थी। इसके बाद शिवकुमार ने इसे खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी, जिसने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी थी। इस रोक को हटाने के लिए सीबीआई ने अर्जी दाखिल की थी।

आय से अधिक संपत्ति होने का दावा

2017 में शिवकुमार के घर और कार्यालयों पर आयकर विभाग के तलाशी अभियान के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ अपनी जांच शुरू की। ईडी की जांच के आधार पर, सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी।

राज्य सरकार ने 25 सितंबर, 2019 को मंजूरी दे दी थी। सीबीआई ने 3 अक्टूबर, 2020 को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने दावा किया है कि शिवकुमार ने 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है। 1 अप्रैल, 2013 से 30 अप्रैल, 2018 तक, जब वह तत्कालीन सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार (2013-2018) में ऊर्जा मंत्री थे।

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