उत्तराखंड: पिता की पहले जान गई अब भाई का परिवार उजड़ गया, टैक्सी के खाई में गिरने से 9 की मौत
उत्तराखंड सड़क हादसे में 9 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। कुछ साल पहले पिता की सड़क हादसे में जान गई और अब भाई का परिवार उजड़ गया। सरकारें पहाड़ के लोगों को आधारभूत सुविधाएं तक मुहैया नहीं करवा पा रहीं।
आए दिन सड़क हादसों में परिवार उजड़ रहे हैं। शुक्रवार को ओखलकांडा के डालकन्या का दिल दहला देने वाला हादसा एक और गम दे गया। गांव के तुलसी पनेरू, उनकी पत्नी और बड़े बेटे की हादसे में जान चली गई।
उनका छोटा बेटा भी हल्द्वानी के अस्पताल में जिंदगी के लिए जूझ रहा है। तुलसी पनेरू के पिता की भी मौत भी चार साल पहले खराब सड़क के कारण हुए हादसे में हो गई थी। मृतक तुलसी प्रसाद पनेरू के छोटे भाई राजेंद्र पनेरू गहरे सदमे में हैं।
राजेंद्र ने बताया कि उनका परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें जब हादसे का पता चला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पहले कुछ मिनट तो भरोसा नहीं हुआ और होश ही उड़ गए।
बताया कि चार साल पहले पिता की भी मौत इसी तरह एक खराब सड़क पर दुपहिया फिसलने के कारण हुई थी। यह हादसा भी गांव से कुछ दूरी पर हुआ था। अब भाई के परिवार को यह हादसा ले गया। कहा कि गांव में रोजगार के साधन नहीं थे।
मजबूरी में बड़े भाई का परिवार गांव का घर छोड़कर हल्द्वानी जाकर रहने लगा। वहां किराए के घर में रहकर एक होटल में काम करते थे। इन दिनों पत्नी व दोनों भतीजों के साथ दिवाली मनाने गांव आए थे। सुबह वापस हल्द्वानी लौट रहे थे।
अपनों को खोने के बाद जिंदगी की जंग लड़ रहा योगेश
हादसे में नौ वर्षीय योगेश ने अपने माता-पिता और भाई को खो दिया। वह खुद भी हल्द्वानी के एसटीएच में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। मासूम योगेश के सिर में गंभीर चोट है। उसे न्यूरो ट्रॉमा आईसीयू में भर्ती किया गया है।
उसकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है। योगेश को एम्बुलेंस से दो युवक एसटीएच में भर्ती करने के बाद वापस चले गए। अस्पताल में उसे देखने के लिए कोई रिश्तेदार नहीं पहुंचा था।
संकरी सड़क और अफसरों की अनदेखी काल बनी
भीमताल विधानसभा क्षेत्र में शुक्रवार को हुए हादसे के लिए संकरी सड़क को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसमें अफसरों की अनदेखी भी कम जिम्मेदार नहीं है। बीते साल 10 जून 2022 को भी डालकन्या के समीप ही हुए हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
तब परिवहन विभाग ने इस रोड को उपयुक्त नहीं बताया था। इसके बावजूद सड़क की हालत सुधारने के लिए प्रयास नहीं किए गए।
ओखलकांडा ब्लॉक दुर्गम क्षेत्र है। ब्लॉक का एक हिस्सा पर्यटन के लिए मशहूर भीमताल, मुक्तेश्वर को छूता है।
इसके आगे का इलाका बेहद दुर्गम है। छिड़ाखान-मीडार रोड इस इलाके की प्रमुख सड़क है। यह सड़क आगे चम्पावत जिले से जुड़ती है। इस अहम सड़क की स्थिति दशकों से खराब है। रोड इतनी संकरी है कि इस पर एक ही वाहन चल सकता है।
डालकन्या के ग्राम प्रधान संदीप कुमार ने बताया कि सड़क खराब होने के कारण लगातार हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। जून में भी यहीं से कुछ दूरी पर पांच लोगों की मौत एक हादसे में हो गई थी। खुद पांच बार जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर गुहार लगा चुके हैं। पर आज तक डामरीकरण नहीं किया जा रहा है।
ओखलकांडा हादसे में इनकी जान गई
1- धनी देवी पत्नी रमेश पनेरू 38 साल, निवासी डालकन्या
2- तुलसी प्रसाद पुत्र रमेश चंद्र 35 साल, निवासी डालकन्या
3- रमा देवी पत्नी तुलसी प्रसाद 26 साल, निवासी डालकन्या
4- तनुज पुत्र तुलसी प्रसाद 7 साल, निवासी डालकान्या
5- राजेंद्र पनेरू पुत्र लालमणि पनेरू 37 साल, निवासी डालकन्या
6- देवी दत्त पुत्र ईश्वरी दत्त 45 साल, निवासी डालकन्या
7- नरेश पनेरू पुत्र पूरन पनेरू 26 साल, निवासी डालकन्या
8- शिवराज सिंह पुत्र कुंवर सिंह 25 साल, निवासी अधोड़ा
9- नरेंद्र सिंह पुत्र कुंवर सिंह 21 साल, निवासी अधोड़ा
ये घायल हुए
हेम चंद्र पनेरू(46) योगेश पनेरू (9) निवासी डालकन्या