महुआ मोइत्रा ने लोकसभा आचार समिति पर कसा तंज, सोशल मीडिया पर कार्टून पोस्ट किया शेयर

‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोपों का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर लोकसभा आचार समिति के प्रति अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। गौरतलब है कि आरोपों की जांच कर रही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है।

महुआ ने किया कार्टून पोस्ट

सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि महुआ मोइत्रा द्वारा की गई गलतियों के लिए कड़ी सजा की आवश्यकता है। शुक्रवार को, मोइत्रा ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ अकाउंट पर एक कार्टून पोस्ट किया। इसकी पंक्ति थी ‘जब तक आप दूसरी तरफ न हों, तब तक नैतिकता बनाए रखें।’ इसे उस आचार समिति पर सीधे हमले के रूप में देखा जा रहा है, जिसने उनके कथित गलतियों पर रिपोर्ट को अपनाया था।

कार्टून में मोइत्रा को भाजपा के पार्टी चिन्ह कमल की नक्काशी वाली एक खाली कुर्सी के पास बैठे दिखाया गया है। जहां मोइत्रा के सामने ‘विपक्ष’ की नेमप्लेट थी, वहीं खाली कुर्सी पर ‘सत्तारूढ़’ की नेम प्लेट थी।

महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की मांग

लोकसभा आचार समिति ने शुक्रवार को स्पीकर ओम बिरला को ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी मसौदा रिपोर्ट सौंपी। इस मामले की जांच कर रहे एथिक्स पैनल द्वारा अपनी 500 पेज की रिपोर्ट को अपनाने के एक दिन बाद यह बात सामने आई है, जिसमें मोइत्रा को उनके अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण के मद्देनजर 17 वीं लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। मालूम हो कि रिपोर्ट को 6:4 के बहुमत से अपनाया गया है।

निजी सवाल पूछने का लगाया आरोप

अपना बयान दर्ज करने के बाद जब उनसे जिरह की जा रही थी, तब भी तृणमूल सांसद समिति की बैठक से बाहर चली गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के सदस्य उनसे निजी सवाल पूछ रहे थे। हालांकि, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि वास्तव में विपक्षी सांसद ही गलत सवाल पूछने के दोषी हैं।

दोस्त ही कर रहे चीरहरण

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “महुआ मोइत्रा के दोस्त उनका ‘चीरहरण’ कर रहे हैं। यह दानिश अली और गिरिधारी यादव से पूछा जाना चाहिए। जब एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी, तो सब कुछ साफ हो जाएगा।” आचार समिति के सदस्य और बसपा सांसद दानिश अली ने आरोप का खंडन करते हुए कहा कि बैठक के मिनट सार्वजनिक होने पर सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।

दानिश अली का भाजपा पर तंज

दानिश अली ने कहा, “आचार समिति की पहली बैठक की शब्द रिकॉर्डिंग समिति की रिपोर्ट में शामिल नहीं है। हम महिलाओं के साथ कभी अन्याय नहीं होने देंगे। दुष्कर्म करने वाले पुरुषों को माला पहनाना भाजपा की संस्कृति है, तो ऐसे में अगर वो किसी महिला के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हैं, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

पिछले महीने शुरू हुआ विवाद

‘कैश फॉर क्वेरी’ विवाद पिछले महीने तब शुरू हुआ था, जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क किया और उन पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया।

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