कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स मार्केट व आईटी समेत कई सेक्टर्स में बढ़ा यूपी का दबदबा
- सीएम योगी की नीतियों से विभिन्न इंडस्ट्रियल सेक्टर में प्रोडक्शन पर दिख रहा असर
- देश में बनने वाले 55 प्रतिशत मोबाइल कॉम्पोनेंट्स का यूपी में हो रहा उत्पादन
- 40 प्रतिशत मोबाइल हेडसेट्स का भी उत्पादक बना उत्तर प्रदेश
- हैंडलूम सेक्टर में भी तीसरा सबसे बड़ा राज्य बनकर उभरा है यूपी
- खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में बढ़ा राज्य का कद
लखनऊ, उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने की सीएम योगी की कवायद अब रंग दिखाने लगी है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार की नीतियां धरातल पर असर दिखाने लगी हैं। इसका परिणाम यह है कि वर्तमान में देश में बनने वाले 40 प्रतिशत मोबाइल हेडसेट्स का उत्पादन उत्तर प्रदेश में हो रहा है। वहीं, मोबाइल कॉम्पोनेंट्स में उत्तर प्रदेश के रुतबे की क्या स्थिति है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश के कुल 55 प्रतिशत मोबाइल कॉम्पोनेंट्स का उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश में हो रहा है। ये एक बानगी भर है, वास्तवकिता में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स मार्केट में उत्तर प्रदेश देश में अव्वल मुकाम रखता है और इसी कारण वह देश में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। इतना ही नहीं, देश में सबसे तेजी से विकसित हो रहे आईटी के हब के तौर पर भी उत्तर प्रदेश न केवल देश बल्कि दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ रहा है। ये सारी उपलब्धियां सीएम योगी के विजन और कमिटमेंट को दर्शाती हैं, जिस पर इनवेस्ट इंडिया के हालिया आंकड़ों ने मुहर लगा दी है। उल्लेखनीय है कि सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स व इंडस्ट्री के अंतर्गत इनवेस्ट इंडिया एक एजेंसी के तौर पर कार्य करता है, जिसका मुख्य उद्देश्य नेशनल इनवेस्टमेंट प्रमोशन व फेसिलिटेशन को बढ़ावा देना है।
विजन के कारण बदली उत्तर प्रदेश की तस्वीर
उत्तर प्रदेश की अपार संभावनाओं को सही दिशा देने के लिए प्रदेश में डबल इंजन की सरकार ने जो काम किए हैं उसका असर देश-दुनिया में दिखने लगा है। इनवेस्ट इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश की जनसंख्या ब्राजील के बराबर है, मगर राज्य में पीएम और सीएम के विजन का सही क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश की दशा और दिशा में व्यापक सकारात्मक बदलाव लेकर आया है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में औद्योगिक व आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोर सेक्टर्स का चयन किया गया है, जिनमें पॉलिसी निर्धारण, रियायतें, लैंड अलॉटमेंट समेत तमाम प्रक्रियाओं के जरिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जा रहा है। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश के हर सेक्टर में औद्योगिक व व्यापारिक गतिविधियों को सकारात्मक दिशा मिली है। प्रदेश अब न केवल खाद्यान्न के मामले में अव्वल है, बल्कि कई सेक्टर्स में अपनी धाक जमा रहा है।
आईटी, हैंडलूम, टूरिज्म व एग्रो सेक्टर में लगातार बढ़ी यूपी की धाक
इनवेस्ट इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन व मैनुफैक्चरिंग (ईएसडीएम) सेक्टर से जुड़ी 196 कंपनियां कार्यरत हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 30 स्पेशल इकॉनमिक जोन व 40 आईटी व आईटीईएस पार्क हैं, जो प्रदेश की पहचान देश के नए आईटी हब के तौर पर विकसित कर रहे हैं। योगी सरकार की नीतियों के कारण नोएडा व ग्रेटर नोएडा में रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर्स का विकास हुआ है। इसी प्रकार, सेमीकंडक्टर्स को लेकर शोध कर रही कंपनियों की भी इन क्षेत्रों में दिल्ली से नजदीकी के कारण व्यपक उपस्थिति बनी हुई है।
रोड नेटवर्क, खाद्यान्न समेत कई सेक्टर्स में बढ़ा दबदबा
उत्तर प्रदेश आज देश में सबसे बड़े रोड नेटवर्क वाले राज्य के रूप में पहचान बना रहा है। मेरठ, मुरादाबाद, कन्नौज, कानपुर, आगरा, वाराणसी, भदोही व लखनऊ प्रदेश के मुख्य व्यापारिक केंद्रों के तौर पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं। खाद्यान्न की दिशा में तो उत्तर प्रदेश पहले से ही अग्रणी है, मगर अब देश में फूड प्रोडक्शन के लिहाज से 8 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादों का उत्पादन उत्तर प्रदेश में हो रहा है। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश मत्स्य उत्पादन में तीसरे व फ्रोजन मीट उत्पादन में पहले पायदान पर है। 15 एग्रो व फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर्स व 4 एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट जोन के कारण उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी लगातार तरक्की कर रहा है। इसके अतिरिक्त, हैंडलूम सेक्टर में भी उत्तर प्रदेश देश में तीसरे पायदान पर काबिज है।