उत्तराखंड के इस जिले में डेंगू हुआ बेकाबू, मरीजों की बढ़ रही संख्या

विकासनगर, पछवादून में डेंगू के मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। सरकारी अस्पतालों में सबसे अधिक संख्या बुखार पीड़ितों की है। उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में एलाइजा के 25 टेस्ट में छह डेंगू के मरीज मिले। जबकि सीएचसी सहसपुर में 35 एलाइजा जांच में सात डेंगू के संदिग्ध मरीज निकले। पीएचसी कालसी की ओपीडी में भी मरीजों की भीड़ रही।

पछवादून में डेंगू, टायफाइड व वायरल से लोग परेशान

इस बार पछवादून में डेंगू, वायरल, टाइफाइड बुखार ने लोगों का दम निकाल दिया है। सरकार ने पछवादून में सिर्फ उप जिला चिकित्सालय विकासनगर में ही एलाइजा टेस्ट की सुविधा की है, जबकि पीएचसी कालसी, त्यूणी, सीएचसी चकराता, साहिया व सहसपुर में सिर्फ एंटीजन टेस्ट की सुविधा है। एंटीजन टेस्ट में मरीज में पुष्टि नहीं होती, सिर्फ आशंका ही आती है कि डेंगू हो सकता है।

उप जिला चिकित्सालय विकासनगर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. विजय सिंह ने बताया कि बुखार के मरीजों की संख्या में अभी कमी नहीं आई है। एलाइजा टेस्ट में 25 मरीजों में से छह मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

35 मरीजों के एंटीजन टेस्ट में सात पाए गए संदिग्ध

सीएचसी सहसपुर के चिकित्सा अधीक्षक डा. मोहन सिंह डोगरा ने बताया कि अस्पताल में बुखार के मरीजों की ओपीडी में संख्या ठीक है। जिसके चलते बुखार के 35 मरीजों के एंटीजन टेस्ट कराए गए, जिसमें सात संदिग्ध मरीज पाए गए।

ओपीडी में बुधवार को आए 94 मरीज

पीएचसी कालसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रदीप उनियाल ने जानकारी दी कि अभी ओपीडी में मरीजों की संख्या काफी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कालसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रदीप उनियाल के अनुसार, ओपीडी में बुधवार को 94 मरीज आए। जिनका एंटीजन टेस्ट कराने पर 21 संदिग्ध मरीज डेंगू व दो मरीजों में टाइफाइड पाया गया।

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