बुंदेलखंड में वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए कुशल प्लानर की होगी नियुक्ति

  • योगी कैबिनेट के फैसले को अमली जामा पहनाने में जुटा यूपीसीडा प्रबंधन
  • यूपीसीडा ने अपनी बोर्ड बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय, किया जा रहा लागू
  • बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को मिलेगी गति, रोजगार सृजन भी होगा
  • समस्त औद्योगिक क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से संचालित की जाएगी कैंटीन

कानपुर/लखनऊ, झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) की स्थापना के लिए दक्ष और कुशल प्लानर की नियुक्ति की जाएगी। यूपीसीडा ने अपनी बोर्ड मीटिंग में इस पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रबंधन के अनुसार प्रदेश में लगभग 47 वर्ष के बाद एक नई टाउनशिप के विकास का प्रस्ताव है। इसलिए एक वर्ल्ड क्लास इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने के लिए बहुत ही दक्ष एवं कुशल प्लानर को नियुक्त किया जाएगा, जो इस योजना को मूर्त रुप देंगें। इस निर्णय से बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, जिससे रोजगार सृजन भी होगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में योगी कैबिनेट ने बीडा के गठन के साथ ही नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप के निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदित किया था। अब यूपीसीडा इसे मूर्त रूप देने में जुट गया है।

अवस्थापना परियोजनाओं पर विशेष ध्यान

यूपीसीडा की बोर्ड मीटिंग में कई और विषयों पर भी निर्णय लिए गए। इसके तहत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर परियोजना से आच्छादित यूपीसीडा के चिन्हित भूखंडों को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) से जोड़ा जाएगा, जिससे आस-पास के औद्योगिक क्षेत्रों की अवस्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) को औद्योगिक क्षेत्र सूरजपुर साइट-5 में 33/11 केवी विद्युत सबस्टेशन की स्थापना के 1000 वर्ग मी. का भूखंढ (एनपीसीएल) आवंटित किया गया है, जिससे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी, जिसके फलस्वरुप उत्पादन में सुगमता सुनिश्चित होगी।

औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं पर जोर

155 औद्योगिक क्षेत्रों में सेफ इंडस्ट्रियल एरिया के क्रियान्वयन के लिए सुविधाओं का सुद्ढ़ीकरण किया जाएगा। इसके तहत सड़क, नाली, पुलिया, स्ट्रीट लाइट, जल निकासी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट, उद्यान एवं सभी औद्योगिक क्षेत्रों को सुरक्षित बनाने के लिए सेफ औद्योगिक क्षेत्र परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसके साथ ही सार्वजनिक शौचालय, डॉरमेट्रीज, ट्रक ले-बाई, सीसीटीवी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, क्रेच आदि की व्यवस्था भी की जाएगी। इस संबंध में विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए संचालन किया जाना प्रस्तावित है।

इस क्रम में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) की नियुक्ति की जाएगी, जो औद्योगिक क्षेत्रों में अवशेष अवस्थापना सुविधाओं जिसमें हॉर्टीकल्चर, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, ड्रेनेज, लिक्विडी वेस्ट मैनेजमेंट, स्ट्रीट लाइट्स, सीसीटीवी, टॉयलेट आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर के उच्चीकरण के कार्य भी इंपैनल्ड फर्मों से डीपीआर तैयार करा कर ई-टेंडर की कार्यवाही कराते हुए कार्यों को समय पर पूर्ण करेंगे। इस संबंध में एफडीआर टेक्नोलॉजी से सड़कों को अपग्रेड कराने के लिए यूपीआरआरडीए एवं सीआरआरआई से संपर्क करते हुए डीपीआर तैयार किए जाने का निर्णय लिया गया है।

ये महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए

  • यूपीसीडा ने यूपी-एसआरएलएम के साथ एमओयू के तहत समस्त औद्योगिक क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कैंटीन संचालित करने का निर्णय लिया है, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों एवं उद्यमियों को स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध होगा।
  • लैंड बैंक की वृद्धि के लिए तथा रुग्ण एवं नीलामी में क्रय की गई इकाईयों को पुन: उपयोग में लाने हेतु उप विभाजन नीति में संशोधन किए गए हैं, इससे अनुपयोगी भूमि को इस नीति के अंतर्गत पुन: उपयोगी बनाए जाने के उद्देश्य से सहूलियत प्रदान की गई है। इससे उद्योगो की स्थापना हो सकेगी।
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