सीएम योगी ने स्कूलों के लिए नया आदेश, पाठ्यक्रम में यह भी होगा शामिल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि मॉर्निंग असेंबली को नियमित रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित 94 शिक्षकों का सम्मान करते हुए उन्होंने कहा कि नए सिरे से पीढ़ियों को बनाने का कार्य आप कर रहे हैं। जो पीढ़ियां बनेंगी, वो जीवन भर आपको याद करेंगी। यदि हमारे शिक्षक नहीं होते तो आज हम यहां तक नहीं पहुंच पाते, आगे नहीं बढ़ पाते। हमारे शिक्षकों का योगदान हमारे व्यक्तित्व के निर्माण और चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रेरणा देता रहा। वे सुविधा भोगी नहीं थे। वो अल्प संसाधनों में, कम वेतन में कार्य करते थे। उन्होंने उस समय जो मेहनत की तब जाकर आज पीढ़ियां बनीं और यही कार्य आप भी कर सकते हैं। आप भी अपने छात्रों के लिए वंदनीय बन सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 2.09 लाख टैबलेट वितरण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने प्रदेश में 18,381 स्मार्ट क्लास व 880 आईसीटी लैब का उद्घाटन भी किया। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्पष्ट कहना था कि वह राष्ट्र निर्माता हैं। प्राचीन काल से ही भारत ने अपने शिक्षकों की इस परंपरा को मान्यता दी है।
सम्मान के साथ श्रद्धापूर्वक समाज में विशष्टि स्थान देने का कार्य किया। समय के अनुरूप दोनों पक्ष सामने आते गए। एक पक्ष जो इसका उज्जवल पक्ष था। यह वो पक्ष है जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में वर्तमान पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हुए राष्ट्र की नींव को सुदृढ़ करते हुए एक राष्ट्र निर्माता के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करता है।
दूसरा कृष्ण पक्ष है, जब ट्रेड यूनियन की तरह कोई शिक्षख विद्यालय कार्यों से विरत होकर दिन भर शिक्षा अधिकारियों के घर में या उनके कार्यालयों में बैठकर के अपनी वर्तमान पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है तो उसका कृष्ण पक्ष भी समाज को देखने को मिलता है।
समाज भी उस व्यक्ति को संदेह की निगाह से देखता है। इन दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा जगत की वर्तमान समस्याओं को समाधान की तरफ बढ़ाने का कार्य हमें करना होगा। प्रसन्नता है कि आज प्रदेश के उन 94 शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में कुछ यूनीक कार्य किया है। उनका कार्य दूसरों के लिए प्रेरणा बना है, उन्हें सम्मानित करते हुए प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है।