प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली की सड़कें रखी जाएंगी साफ, 30 मोबाइल टीमें होंगी तैनात

राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन मानसून के चलते अभी वायु प्रदूषण की स्थिति नियंत्रित है। फिर भी जी-20 शिखर सम्मेलन में उपयोग होने वाली सड़कों पर धूल न उड़े, इसके लिए भी एनडीएमसी और एमसीडी ने एक्शन प्लान बनाया है।

एनडीएमसी ने दो मैकेनिकल रोड स्वीपर के साथ एंटी स्माग गन और वाटर स्प्रिंकलर मशीनें की तैनात करने की योजना बनाई है, ये मशीनें जिन सड़कों से विदेशी मेहमानों को गुजरना है, उनकी सफाई व धुलाई करेंगी। एमसीडी ने प्रत्येक सड़क पर अधिशासी अभियंता को इसके लिए नोडल अधिकारी बनाया है। एंटी स्माग गन के साथ मैकेनिकल रोड स्वीपर, स्प्रिंकलर की तैनाती सड़कों पर की है।

दो शिफ्ट में हो रही सड़कों की सफाई

एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एलजी के दिशानिर्देश पर जी-20 को लेकर 44 सड़कों की सफाई के लिए एक्शन प्लान बनाया गया है। इन सड़कों की प्रतिदिन सफाई हो रही है और सेंट्रल वर्ज से लेकर फुटपाथ को भी साफ रखा जा रहा है। प्रत्येक सड़क पर 15 कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जो सफाई और उद्यान से संबंधित कार्यों को देखेंगे। दो शिफ्ट में इन सड़कों की सफाई करा रहे हैं।

अधिकारी ने बताया कि हम विभिन्न एजेंसियों से समन्वय कर कार्य कर रहे हैं। निगम के आदेश में अधिकारियों को कहा गया है कि प्रतिदिन होने वाले सफाई कार्य की रिपोर्ट मुख्यालय को दें।

अगर किसी अधिकारी ने कोई लापरवाही की है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा है कि सम्मेलन के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से कर्मचारियों के लिए पहचानपत्र जारी किए जाएं। सभी कर्मचारी हरे रंग की एमसीडी लोगो लगे हुए जैकेट में नजर आएंगे।

हम एनडीएमसी की सड़कों को स्वच्छ और सुंदर बनाने का कार्य कर चुके हैं। विदेशी मेहमानों के गुजरने वाली सड़कों की सफाई व्यवस्था और ज्यादा दुरुस्त रहे, इसके लिए विशेष योजना बनाई गई है।

– कुलजीत चहल, सदस्य, एनडीएमसी

30 मोबाइल टीमें होंगी तैनात

निगम के अतिरिक्त दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने भी 30 मोबाइल टीमों को तैनात करने का निर्णय लिया है।

ये टीमें प्रगति मैदान और जी-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित आयोजन स्थलों के आसपास प्रदूषण पैदा करने वाली गतिविधि को रोकेंगी। टीमें इन स्थानों का निरीक्षण भी करेगी। साथ ही प्रदूषण के कारक मिलने पर संबंधित एजेंसियों को सूचित भी करेगी।

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