व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले वैगनर ग्रुप के चीफ की प्लेन क्रैश में मौत, पढ़ें खबर…

रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाले वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की प्लेन क्रैश में मौत हो गई है। रूस की राजधानी मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा एक विमान हादसे का शिकार हो गया। 

रूस की एविएशन अथॉरिटी रोसावियात्सिया ने बताया कि प्रिगोझिन और वरिष्ठ वैगनर कमांडर दिमित्री उत्किन उन 10 लोगों में शामिल थे, जो विमान हादसे में मारे गए। 

इस घटना पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि यह घटना हादसा है या साजिश? 

आइए यह समझते हैं कि जिस वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन को पुतिन का विश्वासपात्र माना जाता था, उसी ने अचानक रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह क्यों कर दिया।

रूसी सेना के खिलाफ क्यों खड़े हुए येवगेनी प्रिगोझिन

प्राइवेट मिलिट्री कंपनी वैगनर (Wagner Group) के सैनिकों के दम पर पूर्वी यूक्रेन में रूस ने कब्जा किया। यूक्रेन के बुखमत पर अगर रूस ने कब्जा किया तो उसके पीछे  वैगनर ग्रुप का बड़ा हाथ था। इस ग्रुप की सेना ने अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूक्रेन में लड़ाइयां लड़ी और सफलता हासिल की।

वहीं, ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा कि रूस ने बुखमत में वैगनर ग्रुप की सहायता नहीं की और उनके सैनिकों अपने हाल पर युद्ध के मैदान पर मरने के लिए छोड़ दिया।  

येवगेनी प्रिगोझिन ने आगे कहा कि रूसी जनरलों ने वैगनर ग्रुप को लड़ने के लिए हथियारों की सप्लाई नहीं की। वहीं, प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने 23 जून को दावा किया कि रक्षा मंत्री  ने वैगनर आर्मी पर रॉकेट से हमले का आदेश दिया।

येवगेनी प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और वालेरी गेरासिमोव से मिलने की जिद्द की और कहा कि अगर हम दोनों की मुलाकात नहीं हुई तो वो मॉस्को आने वाले हैं, जिसके बाद देश में गृह युद्ध जैसे हालात बनने लगे। वहीं, रूसी सरकार भी वैगनर ग्रुप पर कार्रवाई करने के लिए तैयार हो गई।

जब मॉस्को के लिए कूच कर गई वैगनर ग्रुप

प्रिहोझिन ने 24 जून को कहा कि उनके लड़ाके रूसी सेना के खिलाफ किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। उसी दिन पुतिन ने टेलीविजन पर भाषण देते हुए वैगनर ग्रुप को ‘सशस्त्र विद्रोही’ करार दिया और इस ग्रुप को कुचलने का वादा किया। उन्होंने प्रिगोझिन पर पीठ में छुरा घोंपने का भी आरोप लगाया।

जब ठंडे पड़ गए वैगनर ग्रुप के मंसूबे 

इसी दिन प्रिगोझिन ने दावा किया कि उनके सैनिक रूसी  शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में प्रवेश कर चुके हैं। इस खबर से शहर में दहशत फैल गई। सरकार ने लोगों को घर में रहने का आदेश दिया। मॉस्को तक पहुंचने के लिए वैगनर ग्रुप अपनी आधी यात्रा पूरी कर चुकी थी, तभी रूसी सैन्य हेलिकॉप्टरों ने गोलाबारी शुरू की। इस हमले ने वैगनर ग्रुप की कमर तोड़ दी और उनके सैनिकों के मंसूबे ठंडे पड़ गए।

इसके बाद 29 जून को क्रेमलिन में पुतिन के साथ प्रिगोजिन की मुलाकात हुई। यह मुलाकात तकरीबन ती घंटे चली थी।

दरअसल, रूस के जनरलों की ख्वाहिश है कि वैगनर ग्रुप रूसी सेना में शामिल कर लिया जाए, लेकिन  प्रिगोझिन ने इस बात को मानने से इनकार किया।

नाइजर में हुए तख्तापलट पर जताई थी खुशी

कुछ दिनों पहले येवगेनी प्रिगोजिन ने अफ्रीकी देश नाइजर में हुए तख्तापलट पर खुशी जताई थी। प्रिगोजिन ने कहा था कि नाइजर में उपनिवेशवाद का खात्मा जरूरी था। अब सत्ता वहां के लोगों के हाथों में पहुंच गई है, वे देश संभाल लेंगे। प्रिगोजिन ने तख्तापलट में वैगनर की भूमिका के संबंध में कुछ नहीं कहा है।

कैसे पुतिन से हुई  प्रिगोझिन की मुलाकात…

येवगेनी प्रिगोझिन का जन्म लेलिनग्राद (सेंट पीटर्सबर्ग) में साल 1961 में हुआ था। बचपन में ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और छोटे-मोटे अपराधियों के साथ शामिल हो गया। उसने घरों में लूट और डकैती को अंजाम दिया। इन अपराधों ने उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया। डकैतियों को अंजाम देने के लिए अदालत ने 13 सेल की सजा सुनाई।

पुतिन को पंसद आया प्रिगोझिन का खाना

जेल से बाहर आने के बाद उसने एक रेस्टोरेंट की शुरुआत की। इस रेस्टोरेंट में रूसी के रसूखदार खाना खाने आते थे। उस समय सेंट पीटर्सबर्ग के मेयर और डिप्टी मेयर व्लादिमीर पुतिन भी रेस्टोरेंट में खाना खाने आते थे। पुतिन को उस रेस्टोरेंट का खाना पसंद आया। पुतिन ने इसके बाद प्रिगोझिन से मुलाकात की। इसके बाद पुतिन द्वारा आयोजित कई भोज में उन्हें बतौर शेफ काम करने का आग्रह किया। प्रोगोझिन ने पुतिन की बात मान ली। इसके बाद दोनों के रिश्ते बेहतर बनते गए। 

फिर बने पुतिन के भरोसेमंद

इसके बाद प्रिगोझिन ने वैगनर ग्रुप नामक एक प्राइवेट आर्मी तैयार की। ये आर्मी रूसी नेताओं को सुरक्षा देने के लिए तैयार की गई। पुतिन ने प्रिगोझिन पर भरोसा जताया और उनके सैनिकों को लड़ने के लिए सैन्य सैहयता प्रदान करने लगे। वैगनर ग्रुप के सैनिक ‘भाड़े के सैनिक’ कहलाने लगे। प्रिगोझिन को हमेशा धन-दौलत से प्यार था और उसने पैसे के लिए सबसे पहले रेस्टोरेंट खोला और उसके बाद उसने प्राइवेट आर्मी ग्रुप यानी वैगनर ग्रुप को स्थापित किया था। 

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