ISRO वैज्ञानिकों की सैलरी को लेकर तहसीन पूनावाला के दावे में कितनी सच्चाई, PIB ने बताया सच

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और उनके सगे भाई तहसीन पूनावाला एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आमने-सामने आ गए हैं। तहसीन पूनावाला ने एक यूट्यूब शो में दावा किया कि सरकार ने इसरो के वैज्ञानिकों को तीन महीने से सैलरी नहीं दी है। इसके बाद उन्होंने यह चुनौती भी दी कि उनके दावे का फैक्ट चेक भी करवाया जा सकता है।

तहसीन के इस दावे के पीआईबी फैक्ट चेक में गलत पाए जाने पर शहजाद ने सोशल मीडिया पर कहा है कि अगर मेरा अपना परिवार इसरो और भारत के बारे में फर्जी खबरें फैलाता है तो भी मैं उसके खिलाफ बोलूंगा। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस पर ‘रणवीर पोडकास्ट शो’ में तहसीन गेस्ट के तौर पर शामिल हुए थे। तहसीन ने कहा, ‘इसरो के वैज्ञानिकों को तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है। क्या यह सही है? और इस सरकार के साथ मुझे यही दिक्कत है। हमें इसरो पर बहुत गर्व है। यह एक अच्छा संगठन है। तीन महीनों से वैज्ञानिकों को सैलरी नहीं दी गई है और इस पर आप मेरा फैक्ट-चेक करने के लिए आजाद हैं।’

पीआईबी फैक्ट चेक में झूठ निकला दावा

तहसीन पूनावाला के इसरो को लेकर किए गए दावे को लेकर सरकार के प्रेस इनफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने फैक्ट चेक करने के बाद कहा कि सरकार वैज्ञानिकों को हर महीने सैलरी देती है। पीआईबी का कहना है कि हर महीने के आखिरी दिन वैज्ञानिकों को सैलरी भेज दी जाती है। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर इसरो के उन 10 वैज्ञानिकों के नाम बताने के लिए कहा जिन्हें सैलरी नहीं मिलने का तहसीन दावा कर रहे हैं।

अपने परिवार के खिलाफ भी बोलूंगा- शहजाद

बुधवार को ट्विटर पर तहसीन के इसरो दावे को लेकर शहजाद और तहसीन के बीच तीखी नोक-झोंक देखी गई। शहजाद ने लिखा, “मेरे लिए मेरा देश पहले है। परिवार हमेशा आखिरी है। अगर मेरा अपना परिवार इसरो और भारत के बारे में फर्जी खबरें फैलाता है तो भी मैं उसके खिलाफ बोलूंगा।”

तहसीन माफी मांग लें

शहजाद ने ट्वीट किया, “अब, जब आपने स्वीकार कर लिया है कि इसरो के वैज्ञानिक नहीं बल्कि कथित तौर पर कुछ इंजीनियर हैं जो इसरो से नहीं हैं- तो इससे भी ज्यादा सम्मानजनक बात यह है कि आप इसरो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से माफी मांग लें… मुझे पता है आप ऐसा नहीं करेंगे और न ही आपकी कांग्रेस करेगी। “

तहसीन ने पीआईबी फैक्ट चेक पर जवाब देते हुए कहा कि इंटरव्यू में उनके कहने का मतलब पेशेवरों को सैलरी नहीं देने से था। साथ ही तहसीन ने अपने ट्वीट में की मीडिया रिपोर्टस् का हवाला दिया है जिसमें वैज्ञानिकों को सैलरी नहीं देने की बात कही गई है।

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