राजघाट पर धारा 144 लागू, हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से रोका गया: विनेश फोगाट

नई दिल्ली, देश के नामी पहलवानों ने आज गुरुवार को दिल्ली के राजघाट पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का एलान किया था। लेकिन स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर राजधाट पर धारा 144 लागू होने के चलते पहलवानों को अपनी प्रेस वार्ता को टालना पड़ा।

इस संबंध में ओलंपियन विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने कहा, “पुलिस ने राजघाट पर धारा 144 लगा दी है और हमें प्रेस कांफ्रेंस करने से रोक दिया है। अगली प्रेस कांफ्रेंस का टाइम और जगह जल्दी फाइनल करेंगे।”

इससे पहले बुधवार को महिला पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत बजरंग पुनिया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट कर गुरुवार दोपहर साढ़े बारह बजे राजघाट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का एलान किया था।

पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरना-प्रदर्शन और बाद में एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट मिलने को लेकर विनेश और दूसरे पहलवान काफी चर्चा में रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में खारिज होने के बाद भी ट्रायल में छूट का मामला शांत नहीं हो रहा है।

‘गलत इरादे के बिना महिला खिलाड़ी को गले लगाना व छूना अपराध नहीं’

बता दें कि इससे पहले बुधवार (9 अगस्त) को महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष कहा कि गलत इरादे के बिना किसी महिला को गले लगाना या छूना अपराध नहीं है।

चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में बृजभूषण की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राजीव मोहन ने कहा कि आरोप बहुत पुराने हैं और बनावटी आधार यह नहीं मानेंगे कि शिकायतकर्ता खतरे में थे।

बुधवार को सांसद बृजभूषण के साथ ही सह-आरोपित और निलंबित डब्ल्यूएफआइ के सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने के बिंदु पर बहस शुरू हुई। अधिवक्ता राजीव मोहन ने यह भी तर्क दिया कि यदि शिकायतकर्ता स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और पांच साल तक सामने नहीं आए तो फिर यह कहना कि वे खतरे में थे, वैध स्पष्टीकरण नहीं है।

अधिवक्ता ने अदालत के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अदालत के पास मामले की सुनवाई करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है क्योंकि अपराध भारत के बाहर किए जाने का आरोप है।

उन्होंने कहा कि दो अपराध अशोक रोड और सिरी फोर्ट से संबंधित हैं, लेकिन सिरी फोर्ट में अपराध केवल गले लगाने का है, लेकिन किसी महिला को बिना किसी आपराधिक बल या गलत इरादे के छूना अपराध नहीं है।

मामले में आगे की सुनवाई आज भी रहेगी जारी

अधिवक्ता मोहन ने कहा कि कुश्ती एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसके ज्यादातर कोच पुरुष ही होते हैं। महिला कोच दुर्लभ हैं। अगर कोई कोच किसी उपलब्धि के बाद खुशी के मारे किसी खिलाड़ी को गले लगा रहा है तो ये अपराध की श्रेणी में नहीं आ सकता है।

मामले में आगे की सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी। मेट्रोपोलिटन अदालत ने 20 जुलाई को बृजभूषण और तोमर को कुछ शर्तों के साथ 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। साथ ही पूर्व अनुमति के देश छोड़ने पर रोक लगाई थी।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker