आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई की खुदकुशी मामले में घिरी यह कंपनी, अधिकारियों से इतने घंटे की पूछताछ

मशहूर कला निर्देशक नितिन देसाई की कथित आत्महत्या की जांच कर रही महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस ने मंगलवार को ईसीएल फाइनेंस कंपनी के प्रबंध निदेशक और तीन अधिकारियों से करीब आठ घंटे पूछताछ की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस को ईसीएल अधिकारियों द्वारा लाये गये ऋण कागजात अधूरे मिले और उसने उन्हें फिर से 11 अगस्त को कोल्हापुर थाने आने को कहा।

अधिकारी ने बताया कि इन लोगों द्वारा दी गयी मामले संबंधी जानकारी प्रथम दृष्टया विस्तृत नहीं है।  ‘लगान’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी फिल्मों और टीवी कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का भव्य सेट तैयार करने वाले कला निर्देशक नितिन देसाई (57) बुधवार को रायगढ़ जिले के कर्जत में अपने स्टूडियो में फंदे से लटके पाये गये थे।
    
 पुलिस ने देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एडलवाइस समूह के अध्यक्ष राशेष शाह समेत पांच लोगों के खिलाफ चार अगस्त को आपराधिक मामला दर्ज किया था। रायगढ़ पुलिस ने पांच अगस्त को ईसीएल फाइनेंस कंपनी/एडलवाइस समूह के प्रबंध निदेशक (एमडी) को नोटिस जारी कर मंगलवार को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।
    
 पुलिस अधिकारी ने बताया कि ईसीएल के प्रबंध निदेशक फनींद्रनाथ ककराला तथा तीन अन्य अधिकारी पूर्वाह्न करीब 11 बजे खालापुर थाने पहुंचे।  अधिकारी ने कहा कि लेकिन पुलिस ने देसाई की कंपनी को दिये गये ऋण के कागजात अधूरे पाये तथा मामले से संबंधित सूचनाएं भी विस्तृत नहीं थी, ऐसे में उसने ईसीएल अधिकारियों को कागजातों का पूर्ण सेट और विस्तृत जानकारी के साथ फिर 11 अगस्त को आने को कहा।
     
पुलिस ने पहले कहा था कि मामले के जांच अधिकारी (आईओ), देसाई द्वारा स्थापित एनडी स्टूडियो के सलाहकार, वित्तीय सलाहकार और लेखाकार से भी इस मामले में जानकारी जुटा रहे हैं। देसाई की कंपनी ‘एनडीज आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड’ कर्जदाताओं से लिये गए 252 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान नहीं कर सकी थी। इसके बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई शाखा ने कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू की थी।
    
 एक अधिकारी ने बताया था कि नितिन देसाई की पत्नी नेहा देसाई की शिकायत के आधार पर खालापुर पुलिस थाने में चार अगस्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और धारा 34 (साझा इरादा रखना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।  इसमें एडलवाइस के अध्यक्ष शाह समेत पांच लोगों के नाम शामिल हैं। एडलवाइस ने एक बयान में इस बात से इनकार किया था कि ऋण वसूली के लिए देसाई पर कोई दबाव डाला गया था।

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