भाजपा सरकार से कुकी पीपुल्स एलायंस ने समर्थन लिया वापस, स्वास्थ्य मंत्री ने कही यह बात
इंफाल, कुकी पीपुल्स एलायंस (KPA) ने रविवार को मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। केपीए मणिपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा थी, दो विधायकों वाली पार्टी ने कहा कि वह एन.बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले रही है।
केपीए के अध्यक्ष टोंगमांग हाओकिप ने रविवार को एक बयान में द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया, “मौजूदा टकराव पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की मौजूदा सरकार को समर्थन देना अब सार्थक नहीं है। मणिपुर सरकार को केपीए का समर्थन वापस लिया जाता है और इसे अमान्य माना जा सकता है।”
विधायकों के लिए इंफाल आना सुरक्षित नहीं!
केपीए के अध्यक्ष तोंगमांग ने कहा, “विधायकों के लिए इंफाल आना सुरक्षित नहीं होगा… थानलोन का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजेपी विधायक वुंगजागिन वाल्ते से वहां बुरी तरह मारपीट की गई, वह अब भी इलाज करा रहे हैं।” उन्होंने बताया, अगर विधायकों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार गारंटी दे और पर्याप्त कदम उठाए, तो इस चिंता से निपटा जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री सपम रंजन का बयान
कुकी पीपुल्स एलायंस के बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने पर मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री सपम रंजन ने कहा, “हमें बताया गया है कि उन्होंने समर्थन वापस ले लिया है। मुझे लगता है कि केपीए के विधानसभा में दो विधायक हैं… मुझे नहीं लगता कि इसका सरकार पर किसी भी तरह से असर होगा क्योंकि हमारे पास पूर्ण संख्या है।”
2022 में पार्टी का हुआ गठन
मणिपुर में केपीए एक नई पार्टी है, जिसका गठन 2022 में हुआ था। इसी साल पार्टी ने अपना पहला चुनाव लड़ा और दो विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे। राज्य विधानसभा में आठ अन्य कुकी विधायक हैं, जो सभी बीजेपी से हैं। हालांकि उन्होंने राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष से निपटने के लिए मुख्यमंत्री की खुले तौर पर आलोचना की है, इसके बावजूद वे सरकार का हिस्सा बने हुए हैं। सभी 10 कुकी विधायकों ने पहले केंद्र सरकार से भारतीय संविधान के तहत एक अलग प्रशासन बनाने और उनके समुदाय के लोगों को “मणिपुर राज्य के साथ पड़ोसियों के रूप में शांति से रहने” का आग्रह किया था।