छत्तीसगढ़ सरकार की गौठान योजना पर भ्रष्टाचार का आरोप, भाजपा ने की जांच की मांग
रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गौठान योजना के बहाने धन लूट रही है। अग्रवाल ने केंद्रीय एजेंसियों से इस मामले में जांच की मांग की है।
शुक्रवार को रायपुर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने गौठानों (गांवों में मवेशियों के लिए डेकेयर सेंटर) में एक गाय के लिए 40 लाख रुपये खर्च किए हैं और इसी तरह, एक गाय के लिए तीन चरवाहों को नियुक्त किया है।
इतने करोड़ कहां खर्च हुए?
अग्रवाल ने विधानसभा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के जवाब का हवाला देते हुए कहा, ‘छत्तीसगढ़ सरकार ने खुद गौठान योजना के तहत 1,134 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की बात स्वीकार की है, जबकि आवारा गायों की संख्या 3380 है, यानी एक गाय पर 40 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।’
राज्य में लगभग 10,240 गौठान समितियां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आजीविका के लिए बनाई गई हैं, गायों के लिए नहीं।’ मवेशी अभी भी सड़कों पर हैं। विधायक ने पूछा, इतने करोड़ कहां खर्च हुए?
गोधन न्याय योजना 2020
पूर्व मंत्री ने जांच की जरूरत बताते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने मनरेगा, 14वें वित्त आयोग, 15वें वित्त आयोग, डीएमएफ और अन्य की राशि गौठानों पर खर्च की है। उन्होंने कहा कि मनरेगा की 816 करोड़ रुपये की राशि गौठानों में खर्च की गई है और इसी तरह कई अन्य योजनाओं की राशि भी गौठानों में खर्च की गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि गोधन न्याय योजना 2020 में भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई थी। योजना के तहत छत्तीसगढ़ के किसान और पशुपालक राज्य सरकार को 2 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर बेचते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना उनके लिए आय का एक अतिरिक्त स्रोत बन गई है। साथ ही चराई की समस्या को हल करने में भी मदद मिली है।