उत्तराखंड आपदा में पिछले डेढ़ महीने में 74 लोगों की मौत, पढ़ें पूरी खबर…

चमोली करंट हादसे में 16 लोगों की मौत का गम लोग अभी भुला भी नहीं पाए थे कि कुदरत ने रुद्रप्रयाग को भी गहरा जख्म दे दिया। 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद यह पहला मौका है जब आपदा में बड़ी संख्या में लोग लापता हो गए हैं। राज्यभर में वर्तमान मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं और सड़क हादसों में 74 लोगों की जान जा चुकी है।

प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से रुद्रप्रयाग संवेदनशील है। इस मानसून सीजन में रुद्रप्रयाग में कोई बड़ा हादसा नहीं होने से लोग सुकून में थे। लेकिन बीती रात गौरीकुंड के पास हुए हादसे ने सबको खौफ में भर दिया है। स्थानीय लोग बताते हैं कि 2013 में केदारनाथ आपदा के बाद से रुद्रप्रयाग में कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ था।

उस वर्ष केदार घाटी में आई बाढ़ में हजारों लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इस साल जिस प्रकार लगातार बारिश हो रही थी, उससे खतरे का आशंका बन रही है। गौरीकुंड के दीर्घायु गोस्वामी, रामचंद्र गोस्वामी, देवी प्रसाद, कैलाश गोस्वामी, कुशाल गोस्वामी बताते हैं कि मानसून के दौरान हर व्यक्त आपदा की आशंका में जीता है। कब भूस्खलन हो जाए या पहाड़ से बोल्डर गिर पड़े, कुछ पता नहीं होता।

उत्तराखंड में पिछले डेढ़ महीने में 74 की जान गई

राज्यभर में वर्तमान मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं और सड़क हादसों में 74 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बीते रोज रुद्रप्रयाग में हताहत लोग शामिल नहीं हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 5 जून से अब तक प्राकृतिक आपदा में 31 लोगों की जान गई। जबकि इतने ही लोग घायल भी हुए हैं। सड़क हादसों में 43 लोगों की मौत हो गई और 149 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker