खरगे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर भाजपा नेता के खिलाफ FIR दर्ज
कर्नाटक, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कर्नाटक पुलिस ने वरिष्ठ बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एक पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि कर्नाटक के अशोक नगर पुलिस थाने में कांग्रेस कार्यकर्ता राजीव जेन की शिकायत के आधार पर गुरुवार को एफआईआर दर्ज की गई।
अधिकारी ने कहा, ज्ञानेंद्र पर आईपीसी की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत केस दर्ज किया गया है और मामले को शुक्रवार को शिमोगा जिले के तीर्थहल्ली में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, क्योंकि मामला यहीं का है।
वन मंत्री ईश्वर खंड्रे पर भी टिप्पणी
वरिष्ठ बीजेपी विधायक ने 1 अगस्त को तीर्थहल्ली में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सांसद मल्लिकार्जुन खरगे के रंग और उस क्षेत्र के लोगों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। खरगे यहीं से ताल्लुक रखते हैं। कस्तूरीरंगन रिपोर्ट के कार्यान्वयन के संबंध में कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में राज्य के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे और खरगे पर निशाना साधते हुए ज्ञानेंद्र ने कहा, इस क्षेत्र के लोग जो पेड़-पौधों के बारे में शायद ही कुछ जानते हैं या शेड उन फैसलों के बारे में बोल रहे हैं जो पश्चिमी घाट क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं।
अरागा ज्ञानेंद्र ने क्या कहा?
ज्ञानेंद्र ने कहा, “सरकार को कस्तूरीरंगन रिपोर्ट के कार्यान्वयन के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। यह हमारा दुर्भाग्य है कि वन मंत्री उस क्षेत्र (कल्याण-कर्नाटक) से आते हैं, जहां जंगल नहीं है।” उन्हें नहीं पता कि कौन सा पौधा है, पेड़ है या उसकी छाया क्या है। उत्तरी कर्नाटक के लोग चिलचिलाती धूप में बुरी तरह झुलस जाते हैं। अगर हम मल्लिकार्जुन खरगे को देखें तो हमें उन लोगों की दुर्दशा का पता चलता है।”
बीजेपी नेता ने आगे कहा, “ईश्वर खंड्रे के सिर पर कुछ बाल हैं और वह चिलचिलाती धूप से बच सकते हैं। क्षेत्र के लोगों के पास पेड़ों की छाया नहीं है और वे चिलचिलाती धूप में जल जाएंगे। जब हम मल्लिकार्जुन खरगे को देखते हैं तो क्या उनकी त्वचा के रंग से यह स्पष्ट नहीं होता?”
अरागा ज्ञानेंद्र ने बयान पर खेद जताया
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को बेंगलुरु में ज्ञानेंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया था और उनके खिलाफ नारे लगाए थे, जबकि पार्टी नेताओं ने उनकी मानसिक फिटनेस पर सवाल उठाते हुए उन पर निशाना साधा था। हालांकि कर्नाटक में इस मुद्दे पर विवाद होने के बाद ज्ञानेंद्र ने स्पष्ट किया, “मैंने कभी मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ नहीं बोला, मुझे नहीं लगता कि मैं उनकी आलोचना करने के लिए इतना बड़ा हूं। मैं हमेशा उनकी वरिष्ठता और अनुभव के सम्मान में बोलता हूं। मेरा इरादा मल्लिकार्जुन खरगे या खंड्रे को ठेस पहुंचाना नहीं था। मैंने मीडिया में प्रतिक्रियाएं देखी हैं। मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था, लेकिन अगर किसी को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।” उन्होंने कहा था कि उन्होंने कभी खरगे का नाम नहीं लिया।