इस दिन दिल्ली वाले बिल पर संसद में हो सकता है फैसला, AAP ने व्हिप किया जारी

राजधानी दिल्ली में सेवा पर अधिकार को लेकर केंद्र और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच जारी खींचतान के बीच सोमवार को ‘आप’ ने अपने सभी राज्यसभा सांसदों को 31 जुलाई से 4 अगस्त तक सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।

राज्यसभा में ‘आप’ के चीफ व्हिप और सांसद सुशील गुप्ता की ओर से जारी 3 लाइन की व्हिप में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर 4 अगस्त तक सदन में मौजूद रहने को कहा है, क्योंकि सरकार आज लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पेश कर सकती है।

‘आप’ के व्हिप में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) बिल, 2023 पर चर्चा और पास कराने के लिए सोमवार 31 जुलाई, मंगलवार 1 अगस्त, बुधवार 2 अगस्त, गुरुवार 3 अगस्त और शुक्रवार 4 अगस्त, 2023 को राज्यसभा में निम्नलिखित अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाएंगे:-

राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे 31 जुलाई से 4 अगस्त 2023 तक सदन की कार्यवाही स्थगित होने तक सुबह 11 बजे से सदन में बिना रुके उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें। इसे सबसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है।

‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि आज दिल्ली का जो अध्यादेश संसद में लाया जा रहा है, इससे ज्यादा गैरकानूनी और अलोकतांत्रिक अध्यादेश संसद में आज तक कभी नहीं लाया गया। यह सिर्फ संविधान के खिलाफ ही नहीं बल्कि दिल्ली के 2 करोड़ लोगों के भी खिलाफ है। यह एक प्रकार से भाजपा द्वारा दिल्ली के लोगों को धमकी दी जा रही है कि अगर तुम भाजपा के अलावा किसी और पार्टी को वोट देंगे तो हम उस सरकार को नपुंसक बना देंगे, उसकी सारी शक्तियां ले लेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा समझ गई है कि दिल्ली में उनका अस्तित्व खत्म हो गया है। भाजपा हाईकमान ने दिल्ली सरकार को बर्बाद करने के लिए यह फैसला लिया है।

क्या है मामला

गौरतलब है कि केंद्र सरकार 19 मई को पहली बार एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) बनाने के लिए एक अध्यादेश लाई थी, जिसके पास दिल्ली में कार्यरत दानिक्स और सभी ग्रुप ए अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की सिफारिश करने की शक्ति होगी। NCCSA की अध्यक्षता दिल्ली के मुख्यमंत्री करेंगे, जिसमें दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव अन्य दो सदस्य होंगे। हालांकि, अंतिम निर्णय दिल्ली के प्रशासक के रूप उपराज्यपाल (एलजी) का ही होगा, जो दिल्ली सरकार की सेवा में लगे सभी नौकरशाहों की ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अंतिम निर्णय लेगा। 

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker