पाकिस्तान में नया सियासी संकट, मौजूदा सरकार के अंदर खींचतान शुरू…

अर्थव्यवस्था और पहले से ही सियासी संकट झेल रहे पाकिस्तान में अब एक नया राजनीतिक संकट आकार ले रहा है। खास बात है कि इस बार खींचतान मौजूदा सरकार के अंदर ही शुरू हो गई है। पाकिस्तान में इन दिनों नए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम को लेकर बवाल शुरू हो गया है। शहबाज शरीफ का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो रहा है। अब जब तक आम चुनाव नहीं होते हैं तब तक सरकारी कामकाज के लिए कार्यवाहक सरकार की जरूरत है। कहा जा रहा है कि सहयोगी दलों ने मिलकर पांच नेताओं का चुनाव किया है। इसमें पहले सबसे आगे मौजूदा वित्त मंत्री इशाक डार का नाम बताया जा रहा था। 

शहबाज ने इशाक डार का किया खुलकर विरोध

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नहीं चाहते कि इशाक डार केयरटेकर प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि किसी निष्पक्ष व्यक्ति को  अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए।  जियो न्यूज के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि ऐसे आदमी को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए जिससे कि कोई भी चुनावों पर सवाल ना खड़ा कर सके। उन्होंने कहा कि सहयोगी पार्टियों के साथ बैठक में इस बात पर सहमित बनी है कि किसी अन्य व्यक्ति को यह कार्यभार देना चाहिए। 

शहबाज शरीफ ने कहा कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए विपक्ष से भी चर्चा की जाएगी। अगर दोनों में सहमति बनी तो नाम का ऐलान कर दिया जाएगा। अगर सहमति नहीं बनती है तो कानून अपना रास्ता अपनाएगा। बता दें कि हाल ही में पाकिस्तानी संसद में बिल पास किया गया था जिसके मुताबिक सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के कुछ दिन पहले ही संसद भंग कर दी जाएगी और फिर केयरटेकर सरकार रहेगी। इसके 90 दिनों के भीतर ही आम चुनाव करवाकर नई सरकार का गठन होगा। हालांकि पाकिस्तान में लोकतंत्र और चुनाव से सभी वाकिफ हैं। चुनाव होने के दौरान भी यहां संकट खड़ा हो सकता है। इसके अलावा इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि आम चुनाव होंगे या यूं ही कोई पाकिस्तान की कमान अपने हाथ में ले लेगा। 

आसिफ अली जरदारी पर भी विश्वास नहीं

पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को ख्वाजा आसिफ ने भरोसेमंद नहीं बताया था। अब इशाक डार के अंतरिम प्रधानमंत्री पद के दावे  से इनकार किया जा  रहा है। जेयूआईएफ के सीनेटर कामरान मुर्तजा ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य पार्टियों से मशविरे के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री  का ऐलान किया जाएगा। 

इमरान भी लगाए हैं निगाह

सरकार या फिर सत्ताधारी गठबंधन की पार्टियों में किसी भी तरह का असंतोष होता है तो इमरान खान इसका फायदा उठाने से कभी पीछे नहीं रहेंगे। इमरान खान पहले से ही मध्यावधि चुनाव की मांग कर रहे थे। अब उनका कहना है कि कार्यकाल खत्म होती ही तत्काल चुनाव कराए जाने चाहिए। 

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