PFI के कमाल ने रचा था देश भर में जातीय हिंसा भड़काने का षड्यंत्र, STF ने जुटाए फंडिंग के पुख्ता साक्ष्य
लखनऊ, यूपी समेत अन्य प्रदेशों में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश में शामिल रहे प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) के सक्रिय सदस्य कमाल केपी के विरुद्ध पुख्ता साक्ष्य जुटाए गए हैं। हाथरस में वर्ष 2020 में युवती की हत्या की वारदात के बाद जातीय हिंसा भड़काने के षड्यंत्र में कमाल केपी का सक्रिय योगदान था और इसके लिए पीएफआइ से उसे फंडिंग भी की जा रही थी।
एसटीएफ ने लखनऊ की एनआइए कोर्ट में कमाल केपी के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया है। जल्द उसकी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। एसटीएफ ने कमाल को तीन मार्च को केरल से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ खाड़ी देशों से पीएफआइ के लिए फंडिंग करने वाले पी.कोया की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है। हाथरस में हुई घटना को सियासी तूल दिया गया था। मामले में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश में मथुरा से पीएफआइ के सक्रिय सिद्दीक कप्पन, अतीकुर्रहमान, अलम व मसूद को पकड़ा गया था।
आरोपिता के विरुद्ध मथुरा के थाना माठ में मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिसकी विवेचना एसटीएफ को सौंपी गई थी। इसी मामले में कमाल केपी की भूमिका सामने आई थी आैर उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित हुआ था। बाद में एसटीएफ ने कमाल को केरल में गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि देश में जातीय हिंसा कराने के लिए carrd.co वेबसाइट पर वेबपेज बनाकर हाथरस की घटना की आड़ में दंगे भड़काने के लिए जस्टिस फार हाथरस विक्टिम नाम के पोर्टल से दुष्प्रचार किया गया था।
सितंबर 2020 के प्रथम सप्ताह में केरल के मल्लापुरम में कमाल ने एक कार्यशाला का आयोजन किया था, जिसमें सिद्दीक कप्पन, अंसद बदरुद्दीन, फिरोज खान, नसरुद्दीन समेत अन्य सदस्य शामिल हुए थे। जिसमें लाकडाउन के चलते पूर्व से संचालित हिंसा भड़काने के षड्यंत्र विफल होने के चलते दंगे भड़काने के लिए नए मामले तलाशने की रणनीति तय हुई थी। मुस्लिम व दलित वर्ग को सरकार व हिंदू समुदाय के विरुद्ध भड़ाकर जातीय हिंसा का षड्यंत्र रचा गया था।
हाथरस की घटना के बाद कमाल ने ही रऊफ को सक्रिय करने के साथ ही अन्य सदस्यों को यूपी भेजा था। कमाल व कप्पन के बीच इसे लेकर वाट्सएप चैट भी मिली है। कमाल ने कप्पन के खाते में 20 हजार रुपये भी जमा कराए थे। कमाल पीएफआइ के मुख्यालय में बैठकर फंड जुटाने का काम भी करता था। वह पीएफआइ के हिट स्क्वाड के सदस्यों को भी तैयार करता था। वर्ष 2018 में दिल्ली में हुई पीएफआइ की बैठक में कमाल को 15 हजार रुपये प्रतिमाह फंडिंग किए जाने का फैसला भी हुआ था। कमाल केपी के खातों से वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक उसे यह रकम भेजे जाने के साक्ष्य मिले हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 27 सितंबर, 2022 को पीएफआइ को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था।