चमोली हादसे पर प्रशासन सख्त, विद्युत सुरक्षा का होगा परीक्षण
देहरादून, चमोली हादसे के बाद उत्तराखंड में प्रशासन अब सख्त हो गया है। प्रदेश में संचालित समस्त परियोजनाओं, प्रतिष्ठानों एवं सरकारी कार्यालयों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के सुरक्षा मानकों का परीक्षण कराया जाएगा। साथ में सुरक्षा से संबंधित प्रमाणपत्र एक सप्ताह में प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है। प्रत्येक तीन माह में सुरक्षा मानकों की यह कार्यवाही दोहराई जाएगी।
मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने गुरुवार को इस संबंध में समस्त अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को आदेश जारी किए। चमोली जिले में एसटीपी में करंट की चपेट में आकर 16 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी। इस दुर्घटना ने तमाम परियोजनाओं, प्रतिष्ठानों में विद्युत सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले प्रबंध पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसे देखते हुए गुरुवार को मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए।
दोषियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई
जारी किए गए आदेश में कहा गया कि चमोली मामले में जांच के उपरांत पाए गए दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही प्रस्तावित है। मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को उनके नियंत्रणाधीन समस्त विभागाध्यक्षों को परियोजनाओं, आस्थानों एवं कार्यालय परिसरों में विद्युत सुरक्षा संबंधी उपायों का अविलंब परीक्षण कराने के लिए निर्देश देने को कहा है।
सप्ताह के भीतर लेना होगा प्रमाणपत्र
इस आदेश के अनुसार विद्युत सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित परियोजना एवं कार्यालय के प्रभारी अधिकारी अथवा अभियंता से संबंधित प्रमाणपत्र सप्ताह के भीतर लेना होगा। प्रभारी अधिकारियों को विद्युत सुरक्षा उपायों का परीक्षण के बाद समस्त अपेक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत सुरक्षा उपायों से संबंधित यह कार्यवाही विभागीय मानकों के अनुसार अथवा प्रत्येक तीन माह में दोहराई जाएगी। इसे आवश्यकता के अनुसार भी क्रियान्वित किया जा सकेगा।
16 लोगों की हो गई मौत
गौरतलब है कि बुधवार को चमोली में बड़ा हादसा हुआ। यहां नमामि गंगे प्रोजेक्ट में करंट आने से 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग झुलस गए। घायलों का इलाज ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में जारी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है।