फर्जी सर्टिफिकेट मामले में SC-ST युवाओं का अनोखा विरोध, निर्वस्त्र होकर सड़क पर दौड़े छात्र

रायपुर, छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे सरकारी नौकरी मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं का गुस्सा मंगलवार को भड़क गया। दरअसल, आंदोलित युवा निर्वस्त्र होकर सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शन करने लगे।

इनकी मांग है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए और उन्हें सरकारी संरक्षण न दिया जाए। अपनी मांगों को लेकर यह सभी आंदोलनकारी युवा विधानसभा की ओर बढ़ने लगे थे। इसी दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एससी-एसटी वर्ग के नग्‍न प्रदर्शन कर रहे युवाओं को गिरफ्तार कर लिया।

क्यों हो रहा निर्वस्त्र प्रदर्शन?

दरसअल, फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के कार्रवाई से एससी-एसटी वर्ग के युवा नाराज है। उनका कहना है कि पिछले तीन सालों में सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है और उन्हें लगातार संरक्षण दे रही है। इसके साथ ही, फर्जी जाति प्रमाण-पत्र धारकों को महत्वपूर्ण पदों में प्रमोशन भी दिया जा रहा है।

कुछ समय पहले ये आंदोलनकारी युवा आमरण अनशन पर बैठ गए थे, लेकिन इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों की तबीयत काफी बिगड़ गई थी, लेकिन प्रशासन और सरकार का रवैया उदासीन रहा। इसके बाद आंदोलनकारियों ने अनशन को स्थगित किया और आगामी मानसून विधानसभा सत्र में निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने जा रहे थे।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी

छत्तीसगढ़ में इन दिनों फर्जी जाति के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने का मामला गर्माया हुआ है। दरअसल, गैर-जाति के लोग फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर सरकारी विभाग में नौकरी ले रहे हैं, जिससे जाति के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकिय नौकरियों एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे हैं।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की थी, जिसके रिर्पोट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटाकर, उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किया था।

गैर आरक्षित होकर कोटे से बने IAS से लेकर चपरासी

छत्तीसगढ़ के लगभग सभी सरकारी विभागो में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण पाए गए है। इसमें सबसे अधिक खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मामले हैं, जिनमें फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वालों की संख्या 44 है। वहीं, भिलाई स्पात संयंत्र में 18 तथा सामान्य प्रशासन विभाग एवं कृषि विभाग में 14-14 प्रकरण है।

अश्लील तरीके से प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार

रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को अश्लील तरीके से प्रदर्शन करने के आरोप में पंडरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आमा सिवनी मोड़ के पास हिरासत में लिया गया। विरोध प्रदर्शन से राहगीर स्तब्ध रह गए, जिन्होंने सड़क पर मार्च कर रहे और नारे लगा रहे नग्न लोगों का वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया पर साझा किया।

267 फर्जी प्रमाण-पत्रों से नौकरी के मामले आए सामने

पत्रकारों से बात करते हुए, प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा कि राज्य सरकार की जांच समिति ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामलों की जांच की और पाया कि 267 सरकारी कर्मचारियों ने जाली एससी/एसटी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया था, लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

प्रदर्शनकारी ने कहा, “इससे पहले, हम उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर गए थे, लेकिन हमारी मांग अनसुनी कर दी गई। इसलिए अब हम नग्न होकर धरना दे रहे हैं। हम मांग करते हैं कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों को गिरफ्तार किया जाए और अधिकारियों ने उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति जब्त कर ली है।”

प्रदर्शनकारियों ने दी चेतावनी

प्रदर्शनकारियों ने मांगें पूरी नहीं होने पर और अधिक उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमने आमरण अनशन को स्थगित कर दिया, लेकिन हम अपने हक और अधिकार के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। हम अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते, इसलिए हम अपनी इज्जत खोकर पूर्ण रूप से निर्वस्त्र होकर सरकार को नींद से जगाने का काम करेंगे।

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