होटल में आपत्तिजनक हालत पकड़े जाने पर रस्सी से बांधकर थाने ले गई पुलिस, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला
पटना: मधेपुर एक होटल में छह लोग आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए।उनकी कमर में रस्सी बांधकर थाने लाया गया। फिर फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए गए। इन लोगों में 12 और 16 साल के दो नाबालिग भी थे। अब यह मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है।
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने जांच-पड़ताल की। आयोग ने इस पूरे कृत्य को मानवाधिकार का उल्लंघन माना है। साथ ही मधेपुरा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक की इस कृत्य के लिए निंदा की।
इसके साथ ही आयोग ने निर्देश दिया कि बतौर क्षतिपूर्ति सभी पीड़ितों को 25-25 हजार रुपये का भुगतान किया जाए और यह भुगतान दो माह के भीतर हो जाना चाहिए। संबंधित पुलिस अधिकारियों को इस तरह की गलती दोबारा न करने की नसीहत भी दी है।
बता दें कि यह मामला जनवरी, 2021 का है। मधेपुरा के एक होटल से पकड़े गए छह लोगों की कमर में रस्सी बांध व हथकड़ी लगा पुलिस उनको सबके सामने लाई थी। इसके बाद एक पीड़ित गगन गुंजन ने मानवाधिकार आयोग में गुहार लगाई। गगन गुंजन का कहना था कि हथकड़ी और रस्सी से बांधना सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। इसके बाद आयोग ने इस पर नोटिस जारी किया।
‘अनहोनी की आशंका के चलते बांधा’
स्पष्टीकरण में मधेपुरा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियुक्तों के भागने की आशंका थी। पुलिस अधीक्षक का कार्यालय समाहरणालय (कलेक्ट्रेट) की तीसरी मंजिल पर है और बरामदा खुला हुआ। आरोपी अगर भागते तो कुछ अनहोनी हो सकती थी, इसलिए उन्हें रस्सी से बांधकर लाया गया था।
पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा कि आरोपियों में से होटल मालिक सुमित श्रीवास्तव कई बार भागने की कोशिश कर रहा था। वह पहले से तीन मामलों में आरोपी है।
मानवाधिकार आयोग के निबंधक ने अपना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। अंतत: आयोग ने पाया कि इस प्रकरण में मानवाधिकार का हनन हुआ है। क्षतिपूर्ति आदि का निर्णय सुनाते हुए सदस्य उज्ज्वल कुमार दुबे ने निर्देश दिया है कि 4 अक्टूबर तक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।