NCP में टूट के बाद एक साथ दिखेंगे पीएम मोदी और शरद पवार, अजित पवार भी चाचा के साथ मंच कर सकते हैं साझा
मुंबई, महाराष्ट्र में एनसीपी में बगावत होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार एक साथ एक मंच पर दिखेंगे। साथ ही चाचा शरद पवार के साथ भतीजे अजित पवार भी एक साथ मंच साझा करेंगे।
पीएम मोदी को किया जाएगा सम्मानित
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी को एक अगस्त को पुणे में एक समारोह में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जहां एनसीपी प्रमुख शरद पवार को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
इस कार्यक्रम के आयोजक ने कहा कि पीएम मोदी को उनके कुशल नेतृत्व को सम्मानित करने और नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। पीएम मोदी को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
पीएम मोदी, शरद पवार और अजित पवार दिखेंगे एक साथ
आयोजकों ने कहा कि समारोह में शरद पवार को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जबकि उनके भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी आमंत्रित हैं। यानी कि एक साथ पीएम मोदी, शरद पवार और अजित पवार एक मंच पर दिखेंगे। साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
पीएम मोदी ने शरद पवार पर बोला था हमला
इस समारोह में ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि एक मंच पर तीनों नेता की मौजूदगी में पीएम मोदी और शरद पवार क्या बोलते हैं। कुछ दिनों पहले पीएम मोदी एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार पर जमकर निशाना साधे थे। पीएम मोदी ने शरद पवार पर परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
पीएम मोदी शरद पवार की कर चुके हैं तारीफ
इसके साथ ही पीएम मोदी ने 2016 में एक कार्यक्रम में शरद पवार की तारीफ की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि गुजरात की राजनीति में शुरुआती दिनों में शरद पवार ने उनका साथ दिया था, जबकि हालिया दिनों में उन्होंने शरद पवार पर निशाना साधा है।
शरद पवार ने पीएम पर कसा था तंज
वहीं, एनसीपी में बगावत के बाद शरद पवार ने कहा था कि ऐसा लगता है कि पीएम मोदी ने एनसीपी और उन सभी लोगों को माफ कर दिया है, जिनके खिलाफ उन्होंने आरोप लगाए थे। पवार ने तंज कसते हुए कहा था कि एनसीपी के कुछ सहयोगियों को कैबिनेट में शामिल करना दिखाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लगाए गए आरोप तथ्यात्मक नहीं थे।