बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज मामले में हटाए गए थाना प्रभारी, ADG लेवल जांच के आदेश
मध्य प्रदेश के इंदौर में गुरुवार की देर शाम चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन कर रहे बजरंग दल और VHP के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज के बाद आज पलासिया थाना प्रभारी को हटा दिया गया है। लाठीचार्ज कर कंट्रोल करने के दौरान 11 बजरंग दल कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था। वहीं, घटना में हिंदूवादी संगठन के 11 और 4 पुलिस कर्मी घायल भी हुए थे।
मामले का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “पलासिया थाना प्रभारी संजय सिंह बैस को तुरंत हटा दिया गया है और एक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी मामले की जांच करेंगे।”
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार को बजरंग दल के कार्यकर्ता नशे के खिलाफ पलासिया चौक पर धरना दे रहे थे, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन थानों के पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। विरोध के लिए 500 से अधिक लोग एकत्र हुए और वे इंदौर पुलिस आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे। जब आयुक्त नहीं पहुंचे, तो वे काफी देर तक विरोध करते रहे और पुलिस को उनमें से कुछ को हिरासत में लेना पड़ा। इसके बाद कुछ कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया गया। भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा) और धारा 332 के तहत अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गुरुवार की देर रात बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का समर्थन करने के लिए स्थानीय भाजपा नेता पलासिया थाने पहुंचे। बजरंग दल इंदौर के संयोजक तनु शर्मा ने पुलिस पर बिना किसी कारण के लाठीचार्ज का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ”हम शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे लेकिन पुलिस ने बिना किसी कारण के हमें पीटा। किसी ने पथराव नहीं किया और पुलिस झूठ बोल रही है।”
घटना के बाद बजरंग दल और हिन्दूवादी संगठनों ने सूबे के गृहमंत्री से मामले की जांच कराने की मांग की थी। गृहमंत्री ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी को हटा दिया है।