सीएम नीतीश ने मांझी को लेकर दिया पहला बयान, जानिए क्या कहा…
पटना, जीतनराम मांझी के महागठबंधन से अलग होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे भाजपा से मिले हुए थे। अगर साथ रहते तो विपक्षी दलों की होने जा रही बैठक की बातें भाजपा तक पहुंचा देते।
मांझी के भाजपा के करीब जाने की जानकारी थी। नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने खुद मांझी के सामने पार्टी का जदयू में विलय करने या अलग होने की पेशकश की थी। मांझी ने अलग होने का फैसला किया।
बता दें कि हाल ही में जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने सीएम नीतीश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही बिहार की सियासत में घमासान मच गया था।
संतोष सुमन 11 महीने तक बने रहेंगे विधान परिषद के सदस्य
संतोष सुमन के विधान परिषद की सदस्यता छह मई 2024 तक है। ऐसे में नीतीश कुमार से बगावत करने के बाद भी संतोष सुमन 11 महीने तक विधान पार्षद बने रहेंगे।
बता दें कि सुमन विधानसभा कोटे से विधान परिषद के सदस्य हैं। इस हिसाब से सुमन की सदस्यता पर भी कोई खतरा नहीं है।
रत्नेश सदा ने ली मंत्री पद की शपथ
इससे पहले राजभवन के दरबार हाल में शुक्रवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने जदयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। दलित समाज से आने वाले रत्नेश सदा सहरसा जिले के सोनबरसा से जदयू विधायक हैं।
मंत्री बनने के पहले हाल ही में रत्नेश सदा ने मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को शेर की खाल ओढ़े भेड़िया बताया था।
यह भी कहा था कि मांझी ने मुसहर समाज के लिए कोई काम नहीं किया। ऐसी कोई लकीर भी नहीं खींची, जिसे याद किया जाए।