देहरादून में सीएम सुरक्षा में तैनात कमांडो की गोली लगने से हुई मौत

सीएम सुरक्षा में तैनात पुलिस के कमांडो की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई। कमांडो का शव सरकारी बैरक में पड़ा मिला। घटनास्थल के पास ही उनकी सर्विस एके-47 राइफल भी थी। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

प्रमोद रावत (36) मूल रूप से अगरोड़ा पट्टी कपोलस्यूं पौड़ी के रहने वाले थे। वे बतौर कमांडो सीएम सुरक्षा में तैनात थे। उन्होंने साल 2007 में पुलिस ज्वाइन की। गुरुवार को प्रमोद अति सुरक्षा वाले इलाके में स्थित बैरक में थे। इसी दौरान साथियों ने फोन पर संपर्क करने की कोशिश की। कई बार फोन किया, लेकिन जब प्रमोद ने जवाब नहीं दिया तो वे बैरक पहुंचे। वहां प्रमोद लहुलूहान पड़े थे। इसके बाद सीएम सुरक्षा के वरिष्ठ अफसरों को सूचना दी गई। मौके पर पता चला कि प्रमोद के गले में गोली लगी थी। फॉरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्य जुटाए गए और पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया। उधर, सूचना पर पुलिस के आला अफसर भी पहुंचे। इधर, एडीजी अभिनव कुमार ने बताया कि शव कब्जे में ले लिया गया है। कमांडो ने खुद को गोली मारी या किसी अन्य की वजह से गोली लगी, इसकी जांच-पड़ताल की जा रही है। डीआईजी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि जांच एसपी सिटी सरिता डोबाल को सौंपी गई है। कमांडो का मोबाइल कब्जे में ले लिया है।

उच्चस्तरीय जांच की मांग

सीएम सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत की मौत पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने शोक जताया। माहरा ने कहा है कि इससे पूर्व विगत वर्ष 24 वर्षीय युवती की ओर से सर्वेंट क्वार्टर में आत्महत्या की गई थी। इस प्रकार की घटनाओं से कई सवाल खड़े होते हैं। माहरा ने कहा कि इस प्रकरण की जांच किसी सक्षम एजेंसी से कराई जाए, जिससे पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सके।

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