उत्तराखंड में सरकारी विभाग में रिटायर कर्मियों-अधिकारियों को मिल रही नौकरियां, पढ़ें पूरी खबर

उत्तराखंड में भले ही युवा बेरोजगार रह जाएं, युवाओं को सालों तक नौकरी का इंतजार करना पड़े, लेकिन सरकारी विभागों में रिटायर्ड कर्मचारियों को पुन: नौकरी पर रखा जा रहा है। हैरानी की बात है कि उत्तराखंड के विभागों में रिटायर अफसर-कर्मचारियों को नौकरियां बांटी जा रही हैं। राज्यपाल से भी इसकी शिकायत की है।

उत्तराखंड वन विकास निगम में 70 की उम्र तक वाले रिटायर अफसर-कर्मचारियों को नौकरियां बांटी जा रही हैं। वन निगम ने नियम विरुद्ध दस रिटायर लोगों को 30 से 60 हजार रुपये मानदेय पर दोबारा नियुक्त दी है, जिनमें से ज्यादातर की उम्र 65 से 70 साल तक है। जबकि, नियम अधिकतम 62 साल तक का है।

अब इसे लेकर कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। वे इस मामले में अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी और शासन से भी शिकायत करने जा रहे हैं।
वन निगम में चहेतों को नौकरियां बांटने का सिलसिला जारी है। पहले भी यहां नियम विरुद्ध रिटायर कर्मचारियों को रखने का मामला सामने आया था, जिस पर नाराजगी जताते हुए अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी ने एमडी के सभी आदेश निरस्त करवा दिए थे।

एक बार शासन ने भी 62 साल से ऊपर के कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए थे। लेकिन, अब एमडी केएम राव की ओर से लेखाकार, अधिष्ठान सलाहकार और कर्मकार जैसे पदों पर दस रिटायर कर्मचारियों को नौकरी दे दी गई है, जो 2013 से 2019 के बीच रिटायर हो चुके हैं।

राज्यपाल से की शिकायत : इन नियुक्तियों पर वन निगम के कर्मचारियों ने सवाल उठाए हैं। कर्मचारियों की कमी पूरी करने के नाम पर रिटायर अफसर-कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखा जा रहा है। श्री गुरु रविदास जन कल्याण संस्था के कोषाध्यक्ष एवं वन निगम के पूर्व कर्मचारी कृपाल सिंह ने राज्यपाल से भी इसकी शिकायत की है। उन्होंने सभी कर्मचारियों की डिटेल भी आरटीआई के जरिये ली है।

वन निगम में 2,828 पद स्वीकृत हैं और अभी केवल 1,503 कर्मचारी नियमित हैं। जबकि, 13 सौ से ज्यादा पद खाली हैं। इसलिए, रिटायर अफसर-कर्मचारियों को मानदेय पर रखा जा रहा है। जहां तक उम्र का सवाल है तो 62 साल तक ही कर्मचारियों को रखा जा सकता है। अगर इससे ज्यादा उम्रवाले रखे गए हैं तो उन्हें हटाया जाएगा।
केएम राव, एमडी-वन निगम

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