विधानसभा में सामने आई धांधली, बीजेपी सरकार में भर्ती को मिली थी मंजूरी

विधानसभा में पिछले साल 32 पदों के लिए आयोजित हुई भर्ती परीक्षा को कराने वाली एजेंसी के चयन में गड़बड़ी हुई थी। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस मामले की जांच में यह सच्चाई सामने आई है। भाजपा की पिछली सरकार में विधानसभा में 32 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी गई थी।

विधानसभा सचिवालय की ओर से इस परीक्षा को कराने के लिए एक एजेंसी का चयन किया गया था। आठ हजार से अधिक युवाओं ने इस परीक्षा में भाग लिया लेकिन रिजल्ट आने से पहले ही परीक्षा को रद्द करना पड़ गया। विधानसभा में बैकडोर भर्ती का मामला सुखिर्यों में आने के बाद गठित की गई कोटिया समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस भर्ती को लेकर कई सवाल उठाए थे।

इसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने परीक्षा को रद करते हुए तत्कालीन सचिव मुकेश सिंघल को भी निलम्बित कर दिया था। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने इस मामले की जांच रिटायर्ड पीसीसीएफ जयराज को सौंपी थी। उन्होंने करीब दो महीने तक इस प्रकरण की जांच की और अब उनकी ओर से जांच रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी गई है।

सूत्रों ने बताया कि उनकी जांच रिपोर्ट में भर्ती की प्रक्रिया से लेकर परीक्षा एजेंसी के चयन तक कई गड़बड़ियों को इंगित किया गया है। ऐसे में अब विधानसभा के तत्कालीन सचिव की मुश्किल बढ़ सकती है। साथ ही परीक्षा कराने वाली एजेंसी को भी फिर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने भर्ती की जांच रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट मिल गई है लेकिन अभी उन्होंने रिपोर्ट को पढ़ा नहीं है। रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही इस संदर्भ में स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

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